प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पहली बार रूस की राजधानी मास्को पहुंचे हैं। वह 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। पीएम मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पहली बार मास्को गए हैं। वह इस यात्रा के दौरान एक स्पष्ट संदेश के साथ रूस में हैं कि भारत दोनों देशों (रूस-यूक्रेन) के बीच शांति और स्थिरता के लिए एक सहयोगी की भूमिका रखता है। आज दोनों नेताओं के बीच भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत भी होगी।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष रूस को इस बैठक में यह बताएगा कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं खोजा जा सकता और इसके अलग और बेहतर रास्ते हो सकते हैं। सितंबर 2022 में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान उज्बेकिस्तान के समरकंद में पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि “यह युद्ध का युग नहीं है”।
पुतिन ने गर्मजोशी से स्वागत कर कहा-आपके पास सोच और विचार है
पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति भवन में पुतिन से मुलाकात की, इस दौरान दोनों के बीच बातचीत हुई। पुतिन ने पीएम मोदी से कहा-“डियर फ्रेंड, आपके पास बहुत से विचार हैं, आप काफी ऊर्जावान हैं और आप जानते हैं कि भारत और भारत के लोगों के लिए बेहतर क्या और कैसे हो सकता है।” पुतिन ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि ‘मैं आपको एक बार फिर देखकर बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं।’
पीएम मोदी ने जवाब में कहा,”यह बहुत खुशी का पल है कि आपने मुझे अपने घर आमंत्रित किया। मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं। भारत लोकतंत्र की जननी है, इस चुनाव में लगभग 650 मिलियन लोगों ने मतदान किया। यह भारत में पिछले 60 वर्षों में पहली बार है, जब सरकार तीसरी बार फिर से चुनी गई है। पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय हुआ था। और अब 60 साल बाद मुझे यह मौका मिला है कि भारत के लोगों ने मुझे भारत की सेवा करने का अवसर दिया है।”
महत्वपूर्ण है पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की यह मुलाकात
पीएम मोदी की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्यों एक महीने पहले ही इटली में G7 समिट हुई है। जहां पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मुलाकात की थी। युद्ध में रूस का पलड़ा भारी है और इस साल के आखिर में डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में वापस लौटने की संभावना भी बनी हुई है। ऐसे में पीएम मोदी की इस यात्रा को आने वाले छह महीने की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है।