अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प के बाद चीन की पहली प्रतिक्रिया आई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन (Chinese Foreign Ministry Spokesperson Wang Wenbin) ने मंगलवार को कहा कि भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच स्थिति आम तौर पर स्थिर और नियंत्रण में है।

चीन की ओर से घुसपैठ की कोशिश हुई- राजनाथ सिंह

वहीं देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने मंगलवार को संसद में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर (Tawang sector in Arunachal Pradesh) में शुक्रवार को हुई झड़प में दोनों पक्षों को चोटें आईं और भारत ने इस मामले को कूटनीतिक रूप से चीन के सामने उठाया भी है।

राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 9 दिसंबर को PLA की ओर से घुसपैठ की कोशिश की गई थी लेकिन भारतीय सैनिकों ने बहादुरी दिखाते हुए उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

चीन नहीं आ रहा अपनी हरकतों से बाज

बता दें कि चीन हमेशा ऐसी हरकतें करता रहता है, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ते रहते हैं। इसके पहले 15 जून 2020 को गलवान घटी (Galwan Clash) में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। तब से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझा नहीं है और कई बार दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी हो चुकी है। 15 जून को जब दोनों सेनाओं के बीच बातचीत चल रही थी, उसी दौरान चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों पर अटैक कर दिया। इसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी मुहतोड़ जवाब दिया। हालांकि इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।

बता दें कि गलवान के बाद से ही भारत और चीन के बीच कई बार बातचीत हुई। 16वें दौर की बातचीत कुछ मायनों में सफल रही थी, क्योंकि इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग पेट्रोलिंग पाइंट 15 (PP-15) के क्षेत्र से पीछे हटना शुरू कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर से चीन ने घुसपैठ की कोशिश की है।

क्या है पूरा मामला, जानें

अरुणाचल प्रदेश में झड़प 9 दिसंबर 2022 की सुबह लगभग 3 बजे पूर्वी तवांग में यांग्त्से के पास शुरू हुई। LAC के पास मौजूद एक नाले के पास दोनों ओर भारतीय और चीनी सैनिक तैनात हैं, लेकिन लगभग 300 चीनी सैनिक भारतीय सीमा में आ गए। इसके बाद भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से उनका मुकाबला करते हुए उन्हें पीछे धकेल दिया।