पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं। ताजा मामला आया है पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से, जहां एक सिख दुकानदार की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिस सिख युवक की हत्या की गई, उसका नाम मनमोहन सिंह है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले का यह दो दिन में दूसरा मामला है। इससे पहले शुक्रवार को तरलोक सिंह नाम के एक अन्य सिख दुकानदार की अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी, हालांकि गनीमत यह रही कि पीड़ित की जान बच गई।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में खैबर पख्तूख्वा में रहने वाले सिख व्यक्ति बलबीर सिंह ने बताया कि मनमोहन सिंह कॉस्मेटिक्स शॉप चलाते थे। वो दुकान बंद करने के बाद अपने घर जा रहे थे। वह घर जाने के लिए एक ऑटो रिक्शा में बैठे ही थे कि बाइक पर उन्हें फॉलो कर रहे दो हमलावरों ने उन्हें गोरी मार दी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

बलबीर सिंह ने बताया कि मनमोहन सिंह अपने पीछे अपने माता-पिता, पत्नी, बेटे और एक भाई को छोड़ गए हैं। उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह के शव को गुरुद्वारा भाई जोगा सिंह ले जाया गया है, जहां पेशावर में रहने वाले सिख समुदाय के लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे।

स्थानीय लोगों ने बताया कि शुक्रवार को सिख दुकानदार तरलोक सिंह को निशाना बनाया गया था। उनपर हमलावरों ने फायरिंग की और मौके पर फरार हो गए। एक अन्य सिख दुकानदार ने बताया कि तरलोक सिंह पर सात गोलियां चलाई गई लेकिन वो बच गया। उसके पैर में चोट लगी है। इस हमले की जिम्मेदारी ISKP ने ली है।

पेशावर में रहते हैं 500 सिख परिवार

आपको बता दें कि पाकिस्तान के पेशावर में मुट्ठीभर सिख रहते हैं। उनपर हर समय हमले का डर बना रहता है। पिछले एक दशक में यहां से कई बार सिख समुदाय पर हमले की खबरें आ चुकी हैं।

इस साल मार्च में दयाल सिंह नाम के एक व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह हमले के समय अपनी दुकान में बैठे थे। सितंबर 2021में पेशवार में सतनाम सिंह नाम के एक हकीम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले 15 मई 2022 को रंजीत सिंह और कुलजीत सिंह नाम के दो सिख व्यापारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।