बांग्लादेश की एक कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भ्रष्टाचार के तीन मामलों में कुल 21 साल की सजा सुनाई। ये तीनों मामले पुरबाचोल स्थित राजुक न्यू टाउन प्रोजेक्ट में प्लॉट आवंटन में कथित गड़बड़ियों से जुड़े थे।
बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी BSS के अनुसार, हसीना पर आरोप था कि उन्हें बिना किसी आवेदन के प्लॉट आवंटित किया गया और यह आवंटन कानूनी अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किया गया। शेख हसीना इस समय भारत में हैं, इसलिए कोर्ट ने यह फैसला उनकी अनुपस्थिति में सुनाया। हर मामले में कोर्ट ने हसीना को सात-सात साल की सजा सुनाई, जो मिलाकर कुल 21 साल की कैद बनती है।
कोर्ट ने हसीना परिवार के अलावा, पूर्व आवास राज्य मंत्री शरीफ अहमद तथा आवास मंत्रालय और राजधानी उन्नयन कर्त्रीपक्का के अधिकारियों सहित कुल 20 अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा चलाया गया। इनमें से एक को छोड़कर सभी को विभिन्न अवधि की सजा सुनाई गई। इस मामले में मंत्रालय के एक कनिष्ठ अधिकारी को बरी किया गया है। केवल एक आरोपी ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से मुकदमे का सामना किया और उसे तीन वर्ष की सजा सुनाई गई।
इसी महीने फांसी का सजा का भी हुआ ऐलान
इससे पहले शेख हसीना को इस महीने की शुरुआत में मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। उन पर पिछले साल हुए जनविद्रोह के दमन का आरोप है, जिसके बाद उनकी 15 साल की सत्ता खत्म हो गई थी। शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग उनके खिलाफ चलाए जा रहे मुकदमों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। उन्होंने अपने लिए किसी वकील की नियुक्ति नहीं की थी, जबकि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी इन मुकदमों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
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