Sheikh Hasina Jail News: बांंग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ने वाली हैं। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट जुड़े एक मामले में छह महीने की सजा सुनाई है।
रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना को सजा का ऐलान बुधवार को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल – 1 की तीन सदस्यों वाली बेंच ने किया। इस बेंच को चेयरमैन जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार हेड कर रहे थे। बेंच ने अपने इसी फैसले में गाइबांधा के गोबिंदगंज के शकील अकंद बुलबुल को दो महीने की जेल की सजा सुनाई।
कब से प्रभावी होगी सजा?
ट्रिब्यूनल ने अपने जजमेंट में कहा है कि शेख हसीना की सजा उनकी गिरफ्तारी या सरेंडर के दिन से प्रभावी होगी। आपको बता दें कि शेख हसीना पांच अगस्त को बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं। यह पहली बार है जब आवामी लीग की नेता को बांग्लादेश छोड़े के बाद किसी मामले में सजा सुनाई गई है।
कोर्ट में किसने रखा शेख हसीना का पक्ष?
रिपोर्ट के अनुसार, एडवोकेट अमीनुल गनी टीपू को शेख हसीना और बुलबुल के लिए बचाव पक्ष के वकील के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन उन्होंने हितों के टकराव का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने आमिर को शेख हसीना का नया वकील नियुक्त किया। 19 जून को कोर्ट ने इस मामले में सीनियर ज्यूरिस्ट ए.वाई. मोशिउज्जमां को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया।
मामले में पेश नहीं हुईं शेख हसीना
रिपोर्ट के अनुसार, अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने उस दिन मीडिया को बताया कि दोनों ही आरोपी अखबारों के जरिए नोटिस दिए जाने के बाद पेश नहीं हुई। मामले में ट्रांसपेरेंट सुनवाई के लिए एमिकस क्यूरी को भी नियुक्त किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रॉसिक्यूशन ने दोनों आरोपियों के खिलाफ उनके बीच हुई बातचीत को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोप है कि इस बातचीत में शेख हसीना ने कथित रूप से कहा कि उनके पास 227 लोगों को मारने का लाइसेंस है, क्योंकि उनके खिलाफ 227 मामले दर्ज हैं।
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