Bangladesh News: लगातार जारी विरोध प्रदर्शन और तख्तापलट के चलते आनन-फानन में इस्तीफा देकर 5 अगस्त को भारत आईं बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के लिए मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं क्योंकि उनके पास अभी रहने का कोई ठिकाना नहीं है। भारत में बीत रहा उनका एक-एक दिन उनके और भारत सरकार दोनों के लिए अहम है, क्योंकि सवाल आज भी वही है आखिर शेख हसीना भारत में कब तक रहेंगी। इस सवाल को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि हाल ही में उनका डिप्लोमैटिक पासपोर्ट बांग्लादेश में बनी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने रद्द कर दिया है।
दरअसल, शेख हसीना 5 अगस्त को आईं थी और उनके यहां रहते हुए 28 दिन हो चुके हैं। आज की स्थिति में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने से आए दिन किसी भी कार्यक्रम में यहीं पूछा जा रहा है कि आखिर शेख हसीना भारत में कब तक रहेंगी। इसको लेकर हाल में जब उनसे पूछा गया तो एस जयशंकर ने कहा है कि वे अपने कूटनीतिक कामों में लगे हुए हैं। उनका यह स्पष्ट संकेत था कि वे इस मामले में अभी इंतजार की सिचुएशन में हैं।
Muhammad Yunus सरकार ने रद्द किया है Diplomatic Passport
हाल ही में, बांग्लादेश की सरकार ने 22 अगस्त को पूर्व PM हसीना और उनके परिवार के लोगों समेत उनके साथ आए सभी लोगों का प्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया था। अब अहम यह है कि यह इस फैसले के बाद से ही भारत में शेख हसीना के रहने की सीमा निश्चित हो गई थी। इसमें सबसे बड़ा रोल भारत की वीजा पॉलिसी का है क्योंकि भारत सरकार के सूत्र बताते हैं कि भारतीय वीजा पॉलिसी के तहत अगर किसी बांग्लादेशी नागरिक के पास भारतीय वीजा नहीं है, तो भी वह भारत में तो रह सकता है लेकिन केवल 45 दिन तक ही, उसके बाद उसे देश छोड़ना होगा।
क्या कहती है भारत की वीजा पॉलिसी
खबर लिखे जाने तक हसीना को भारत आए 28 दिन हो चुके हैं और उनके पास 17 दिन ही बचे हैं। ऐसे में अब शेख हसीना इन 15 दिनों में क्या फैसला लेती हैं, वह भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों के कूटनीतिक रिश्तों के लिए बेहद अहम होगा। वहीं यह भी देखना होगा कि अगर 45 दिन बाद भी शेख हसीना भारत में रहती हैं, तो उनको लेकर भारत सरकार क्या फैसला लेती है।
बांग्लादेश कर सकता है प्रत्यर्पण की मांग?
शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में काफी केस दर्ज हैं। हैरानी की बात यह है कि पूर्व पीएम के खिलाफ हत्या के भी 63 केस हैं, जिसके चलते बांग्लादेश की पार्टी बीएनपी की प्रमुख खालिदा जिया और उनके समर्थक मांग कर रहे हैं कि हसीना की बांग्लादेश में वापसी हो। इसको लेकर अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने बड़ा बयान दिया था।
विदेश मामलों को देख रहे मोहम्मह तौहीद ने कहा था कि अगर कानूनी प्रक्रिया के तहत विभाग शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए प्रस्ताव भेजेगा तो इसके बारे में विचार होगा। वहीं उन्होंने यह भी कहा था कि अगर भारत से ऐसी मांग की जाती है, तो यह भारत सरकार के लिए एक शर्मनाक स्थिति हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इन सारी बातों से भारत सरकार भी अवगत होगी।
ऐसे में अब यह देखना अहम होगा कि क्या बांग्लादेश आधिकारिक तौर पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत से कोई मांग करता है या नहीं। अहम यह भी होगा कि क्या उस कदम से पहले ही शेख हसीना या भारत सरकार उनके भारत में रहने या न रहने को लेकर कोई फैसला लेते हैं या नही ।