अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनातनी के बीच बगदाद में एक बार फिर जोरदार हमला हुआ है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ बगदाद प्रक्षेत्र में हुए हमले के बाद कई लोगों के शव मिले हैं। यहां की जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें कई गाड़ियां जलती हुई नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि यह हमला ईरानी उग्रवादियों के बड़े नेताओं को टारगेट कर किया गया है।
ईरानी इस्लामिक रेवोल्युशन गार्ड कॉर्प्स के कोड्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के एक दिन बाद बगदाद में शनिवार को अमेरिकी ठिकानों पर हमले हुए हैं। बगदाद में स्थित यूएस दूतावास पर कई रॉकेट दागे गए। इसके अलावा बलाड एयरफोर्स बेस पर भी हमले किये गये। बलाड एयरफोर्स अमेरिकी सैन्य ठिकाना है। ईराकी मिलिट्री ने साफ किया है कि अभी तक इन हमलों में किसी के भी मारे जाने की बात सामने नहीं आई है।
ईराकी मिलिट्री ने बताया है कि ‘कई रॉकेट बगदाद के सेलिब्रेशन स्क्वायर, जदरिया औऱ सल्लाहउद्दी प्रक्षेत्र में स्थित बलाड एयर बेस पर दागे गए। हालांकि किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है। मामले में जानकारी जुटाई जा रही है।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इराक में मौजूद अमेरिकी ठिकानों पर ईरान समर्थक मिलिशिया ने रॉकेट और मोर्टार से हमला किया है।
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने वालों को ढूंढ़कर खत्म कर दिया जाएगा। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका के निशाने पर 52 ईरानी ठिकाने हैं। डोनल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट कर कहा कि ‘वह पहले से ही हमारे दूतावास पर हमला कर रहा था और वह हमारे अन्य ठिकानों पर हमले की तैयारी कर रहा था। ईरान कई वर्षों से सिर्फ समस्या ही बना हुआ है।
इसे चेतावनी के तौर पर ही समझा जाए कि अगर ईरान हमारे किसी भी नागरिक या फिर हमारी अमेरिकी संपत्ति पर हमला करता है तो हम ईरान के 52 बेहद प्रमुख ठिकानों (52 इसलिए क्योंकि काफी साल पहले ईरान ने 52 अमेरिकी नागरिकों को बंधक बनाया था) पर हमला करेंगे। इनमें से कुछ ठिकाने सांस्कृतिक लिहाज से ईरान के लिए बेहद खास हैं। हम बहुत जल्द और पूरी ताकत से हमला करेंगे। अमेरिका अब कोई और धमकी नहीं चाहता।’
इधर इराक के हिज्बुल्ला ने अपने देश के सुरक्षा बलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे अमेरिकी ठिकानों से दूर चले जाएं। हिज्बुल्ला ने कहा कि इराकी सुरक्षाबल अमेरिका के ठिकानों से कम से कम एक किलोमीटर की दूरी बना लें। हिज्बुल्ला की इस धमकी के बाद अमेरिका ने सतर्कता बरतते हुए पूरे इराक में निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसी भी प्रकार के हमलों से बचा जा सके। कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ही पूरे इलाके में जबर्दस्त तनाव है और इसी को देखते हुए अमेरिका ने अपने नागरिकों को इराक और आसपास के इलाकों से जल्द से जल्द निकल जाने के लिए कहा था।

