पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोपों में बुधवार को कई गिरजाघरों में तोड़फोड़ की गई। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक फैसलाबाद के जरानवाला जिले के ईसा नगरी इलाके में स्थित साल्वेशन आर्मी चर्च, यूनाइटेड प्रेस्बिटेरियन चर्च, एलाइड फाउंडेशन चर्च और शहरूनवाला चर्च में भीड़ ने तोड़फोड़ की। ईशनिंदा के आरोपी ईसाई सफाईकर्मी का घर भी ढहा दिया गया।
पाकिस्तान के एक अखबार डॉन ने जरानवाला तहसील के पादरी इमरान भट्टी के हवाले से बताया कि शांति समितियों के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं और पूरे प्रांत में पुलिस को सक्रिय कर दिया गया है।
उधर, पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने कहा कि वो प्रदर्शनकारियों से बात कर रहे हैं। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। अनवर ने कहा कि इस इलाके में संकरी गलियां हैं। इनमें दो से तीन छोटे मरला गिरजाघर स्थित हैं और एक मुख्य चर्च है। गिरजाघर के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की गई है।
चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बोले- ईशनिंदा का आरोप झूठा
उधर, ईसाई नेताओं ने आरोप लगाया कि तोड़फोड़ के दौरान पुलिस चुपचाप खड़ी रही। चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आजाद मार्शल ने कहा कि उपद्रवियों ने खुद बाइबिल का अपमान किया गया और ईसाइयों पर पवित्र कुरान का उल्लंघन करने का झूठा आरोप लगाया। उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर कहा कि हम कार्रवाई की मांग करते हैं। हमें इस बात का यकीन दिलाया जाए कि अपने देश में हमें कोई खतरा नहीं है।
पूर्व सीनेटर अफरासियाब खटक ने घटना की निंदा कर मांग की कि दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लाम के अलावा अन्य धर्मों को मानने वाले लोगों के पूजा स्थलों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहा है। धर्म के नाम पर किए गए अपराधों के लिए छूट ने चरमपंथियों और आतंकवादियों को प्रोत्साहित किया है। पाकिस्तान में ईसाइयों और हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर अक्सर ईशनिंदा के आरोप लगाए जाते रहे हैं। कुछ पर कठोर ईशनिंदा कानून के तहत मुकदमा चलाकर उन्हें सजा भी दी गई है।