अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ जंग रोकने के लिए मजबूर करने के इरादे से भारत पर आर्थिक दबाव डाला है। इसके तहत भारत पर एक्सट्रा टैरिफ लगाया गया। एनबीसी न्यूज के ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में दिए इंटरव्यू में वेंस ने कहा कि इस फैसले से रूस को तेल बेचकर ज्यादा पैसा कमाना मुश्किल हो जाएगा।

वेंस ने कहा कि ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात के बाद उम्मीद है कि ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के हफ्तों में दोनों देशों की तरफ से कुछ नरमी देखने को मिली है। ट्रंप प्रशासन पहले भी भारत की आलोचना कर चुका है क्योंकि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीद रहा है। दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाले देश चीन पर कुछ नहीं कह रहा है।

हत्याएं नहीं रोकीं तो अलग-थलग रहेगा रूस – जेडी वेंस

अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा, “उन्होंने (ट्रंप ने) यह साफ करने की कोशिश की कि अगर रूस हत्याएं बंद कर दे, तो उसे विश्व अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल किया जा सकता है। लेकिन अगर वे हत्याएं नहीं रोकेंगे, तो वे अलग-थलग ही रहेंगे।”

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इस हफ्ते की शुरुआत में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को की यात्रा की थी। इस दौरान वह रूसी राष्ट्रपति पुतिन से भी मिले। जयशंकर ने कहा था कि भारत पर 25 प्रतिशत एक्सट्रा टैरिफ से बहुत हैरान है। वहीं शनिवार को द इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए, विदेश मंत्री ने कहा, “इसे (टैरिफ) तेल के मुद्दे के रूप में पेश किया जा रहा है। भारत को निशाना बनाने के लिए जिन तर्कों का इस्तेमाल किया गया है, वे सबसे बड़े तेल आयातक, चीन और सबसे बड़े एलएनजी आयातक, यूरोपीय देशों, पर लागू नहीं किए गए हैं।”

जयशंकर ने जताई हैरानी

कच्चे तेल के मुद्दे पर अमेरिका द्वारा भारत की आलोचना से जुड़े एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, “यह वाकई अजीब है। अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो उसे न खरीदें। कोई आपको इसे खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता। लेकिन यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है, इसलिए अगर आपको यह पसंद नहीं है, तो इसे न खरीदें।”

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