लंदन। स्कॉटलैंड के लोगों ने आज ऐतिहासिक जनमत संग्रह में आजादी को खारिज कर दिया और ब्रिटेन के साथ अपने 307 साल पुराने रिश्ते को बरकरार रखने का निर्णय किया जो ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के लिए राहत की बात है।
आज के आधिकारिक परिणाम में यह पुष्टि हुई कि स्कॉटलैंड के 32 परिषद क्षेत्रों में से 30 ने ‘ना’ के पक्ष में वोट डाला और ‘ना’ पक्ष ने 1,512,688 मत के मुकाबले 1,877,252 मत से बड़ी बढ़त हासिल कर ली थी।
जीत के लिए 1,852,828 मतों की आवश्यकता थी।
जीत का अंतर जनमत सर्वेक्षण में अपेक्षित परिणाम से कोई तीन अंक अधिक रहा।
यह मत दो साल के अभियान और चर्चाओं का परिणाम है जिससे स्कॉटलैंड को अधिक शक्तियां हस्तांतरित की जाएंगी। स्कॉटलैंड वर्ष 1707 में ब्रिटेन का हिस्सा बना था।
स्कॉटलैंड के सबसे बड़े परिषद क्षेत्र और ब्रिटेन के तीसरे सबसे बड़े शहर ग्लासगो ने आजादी के पक्ष में मतदान किया। वहां आजादी के पक्ष में 169,347 के मुकाबले 194,779 मत पड़े। इसी तरह डुंडी, वेस्ट डुनबर्टनशायर और नॉर्थ लनार्कशायर ने भी ‘‘हां’’ के पक्ष में मतदान किया।
देश की राजधानी एडिनबर्ग ने 123,927 के मुकाबले 194,638 मत से आजादी को नकार दिया। वहीं 20,000 से अधिक मतों के अंतर से एबरडीन सिटी ने भी ‘‘ना’’ के पक्ष में मतदान किया।
कई अन्य इलाकों में ब्रिटेन समर्थित अभियान को बड़ी जीत हासिल हुई।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, ‘‘मैंने एलिस्टेयर डार्लिंग :यूके समर्थक बेटर टूगेदर अभियान के प्रमुख: से बात की है और अभियान के लिए उन्हें बधाई दी।’’
अंतिम परिणाम के बाद वह टेलीविजन पर सीधे प्रसारित होने वाले अपने संबोधन में स्कॉटलैंड पर आधिकारिक बयान देंगे।
स्कॉटलैंड के उप प्रथम मंत्री निकोला स्टरगियोन ने बीबीसी को बताया कि ‘‘ना’’ के पक्ष में मत उनके लिए ‘‘व्यक्तिगत और राजनैतिक तौर पर गहरा आघात पहुंचाने वाला होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘स्कॉटलैंड में बदलाव की जरूरत है, इस देश को हमेशा के लिए बदलना ही होगा।’’
मतों के मिलान कर लेने के बाद महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बयान के बाद एडिनबर्ग में मुख्य मतगणना अधिकारी मेरी पिटकेथली आधिकारिक तौर पर परिणामों की घोषणा करेंगी।
स्कॉटलैंड के विभिन्न हिस्सों से मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक ग्लासगो ने ‘‘हां’’ के पक्ष में मतदान किया है लेकिन आजादी नहीं चाहने वालों की गूंज ज्यादा है।
स्कॉटलैंड के लोगों ने कल ऐतिहासिक जनमत संग्रह में लोगों से यह पूछा गया था : क्या स्कॉटलैंड को एक आजाद देश होना चाहिए…? इसका जवाब केवल ‘‘हां’’ या ‘‘ना’’ में देना था।
ऐतिहासिक जनमत संग्रह में स्कॉटलैंड ने आजादी को नकारा
लंदन। स्कॉटलैंड के लोगों ने आज ऐतिहासिक जनमत संग्रह में आजादी को खारिज कर दिया और ब्रिटेन के साथ अपने 307 साल पुराने रिश्ते को बरकरार रखने का निर्णय किया जो ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के लिए राहत की बात है। आज के आधिकारिक परिणाम में यह पुष्टि हुई कि स्कॉटलैंड के 32 परिषद क्षेत्रों […]
Written by भाषाAakriti Arora
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First published on: 19-09-2014 at 10:32 IST