यूक्रेन में बने हालात के बीच वहां फंसे भारतीयों को निकालने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। बता दें कि इसको लेकर देश की सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग की गई है कि अदालत भारत सरकार को इस मामले में जरूरी निर्देश दे। इस याचिका पर CJI एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि भारत सरकार भारतीयों को निकालने के लिए अपना काम कर रही है। बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने इस याचिका को लेकर कहा, “हमें छात्रों के साथ सहानुभूति है, हमें बहुत बुरा लग रहा है। लेकिन क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकते हैं?”
वहीं अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र ने यूक्रेन की सीमा पार कर चुके भारतीयों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए चार मंत्रियों को भेजा है। यूक्रेन की तरफ से वहां रह रहे सभी भारतीयों को पड़ोसी देशों में जाने की अनुमति दी जा रही है। जो लोग यूक्रेन से बाहर नहीं निकल पाए हैं, उसको लेकर क्रॉस चेक किया जा रहा है।
यूक्रेन में हालात बदतर: बता दें कि हर दिन यूक्रेन में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में लाइव रिपोर्टिंग के दौरान धमाके की तस्वीरें कैद हुई। एक न्यूज एजेंसी के पत्रकार जब रिपोर्टिंग कर रहे थे तो उनके ठीक पीछे जोरदार धमाका हुआ। जिससे वो सहम गए।
भारतीय छात्रों ने सुनाई आप बीती: यूक्रेन के भयावह मंजर से बाहर निकले भारतीय छात्रों ने आप बीती सुनाते हुए बताया कि यूक्रेन में हालात बेहद खराब हैं। वहां अभी बहुत सारे छात्र बंकरों और मेट्रो स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। हरियाणा की रहने वाली विशाखा खारकीव से निकलकर लवीव पहुंची। इस दौरान एबीपी न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। हम अपनी तरफ से इंतजाम करके यहां तक पहुंचे हैं। उम्मीद है कि अब यहां से हमें सहायता मिले।”
विशाखा ने बताया कि वहां कई छात्र फंसे हुए, वो रो रहे हैं। एंबेसी उन्हें नहीं निकाल पा रही है। बता दें कि यह हालत सिर्फ भारतीयों के साथ ही नहीं बल्कि वहां रह रहे तमाम लोगों की है जो युद्ध के हालात से पूरी तरह से बदहवास हैं।
