पोप ने सेम सेक्स मैरिज के लिए अपनी सहमति दे दी है। विभिन्न न्यूज एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, पोप ने सेम सेक्स मैरिज को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है। वेटिकन सिटी ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने सेम सेक्स मैरिज को अप्रूवल दे दिया है। अब कैथोलिक पादरी सेम सेक्स मैरिज को अपना आशीर्वाद दे सकेंगे बर्शते ऐसी शादियां आमतौर पर चर्च में होने रिचुअल्स का हिस्सा न हों।
अक्टूबर में भारत में सुप्रीम कोर्ट ने सेम सेक्स मैरिज पर क्या कहा था?
करीब दो महीने पहले सेम सेक्स मैरिज पर भारत में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने भारत में सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कानून द्वारा मान्यता प्राप्त विवाह को छोड़कर शादी का “कोई असीमित अधिकार” नहीं है। तब CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यों वाली बेच ने सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता दिए जाने की मांग वाली 21 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चार अलग-अलग फैसले दिए थे।
ये थीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
- सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला देते हुए समलैंगिक विवाह को विशेष विवाह कानून के तहत कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इस बारे में कानून बनाने का काम संसद का है।
- सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि, समलैंगिक लोगों के लिए समान अधिकारों और उनकी सुरक्षा को मान्यता दी और आम जनता को इस संबंध में संवेदनशील होने का आह्वान किया ताकि उन्हें भेदभाव का सामना नहीं करना पड़े।
- सुप्रीम कोर्ट ने चार अलग-अलग फैसले सुनाते हुए सर्वसम्मति से कहा कि समलैंगिक जोड़े संविधान के तहत मौलिक अधिकार के रूप में इसका दावा नहीं कर सकते हैं। बेंच ने केंद्र के इस रुख की आलोचना की कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की याचिका शहरी अभिजात्य अवधारणा को प्रदर्शित करती है।
- बेंच ने कहा कि यह सोचना कि समलैंगिकता केवल शहरी इलाकों में मौजूद है, उन्हें मिटाने जैसा होगा तथा किसी भी जाति या वर्ग का व्यक्ति समलैंगिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह कहना ‘‘गलत है कि विवाह एक स्थिर और अपरिवर्तनीय संस्था है।’’