रूस की ओर से जारी हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित यूक्रेन के बूचा शहर में मारे गए दर्जनों नागरिकों के शरीर से धातु के छोटे तीर मिले हैं। द गार्जियन के मुताबिक, इस तरह के तीरों का इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किया गया था। बताया जा रहा है कि एक रूसी तोपखाने से इन तीरों से नागरिकों पर वार किया गया है। इन तीरों को फ्लेचेट राउंड (fléchette rounds) के नाम से जाना जाता है।

कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शहर छोड़ने से पहले इन छोटे तीरों को रूसी बलों की ओर से छोड़ा गया था। वहीं, पूरी दुनिया में मानवाधिकार समूहों ने इन तीरों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है।

बूचा में मारे गए नागरिकों के पोस्टमार्टम के दौरान देखा गया कि लोगों की छाती और खोपड़ी में धातु के छोटे डार्ट्स पाए गए थे। द गार्जियन से बात करते हुए, यूक्रेनी फोरेंसिक डॉक्टर व्लादिस्लाव पिरोवस्की ने कहा, “हमें पुरुषों और महिलाओं के शरीर में कई पतली, नाखून जैसे धातु के तीर मिले हैं। मेरे अन्य साथियों की तरफ से भी मुझे ऐसी जानकारी मिली है। इन्हें शरीर में ढूंढना बहुत मुश्किल है क्योंकि ये काफी पतले हैं।”

द गार्जियन के अनुसार, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस प्रकार के हथियारों का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था। फ्लेचेट राउंड्स को तोप के गोले में रखकर दागा जाता है, जिनकी लंबाई 3 से 4 सेंटीमीटर होती है। जब फायर किया जाता है, तो ये गोले फट जाते हैं और जमीन के ऊपर विस्फोट हो जाता है। बूचा रूसी आक्रमण से सबसे बुरी तरह प्रभावित शहरों में से एक है।

यूक्रेन पर रूस से कई बार बात कर चुके हैं पीएम मोदी
बता दें कि हाल ही में भारत के दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बताया था कि रूस-यूक्रेन मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कई बार बात की और उन्हें समझाया। उन्होंने कहा था कि दुनियाभर की समस्याओं पर ब्रिटेन और भारत साथ हैं।