रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा ऐलान किया है। पुतिन ने ईस्टर के मौके पर एक दिन के सीजफायर की घोषणा की है। हालांकि पुतिन ने ऐसी ही उम्मीद यूक्रेन से भी जताई है। पुतिन ने रूसी सैनिकों को शनिवार शाम 6 बजे (रूस के समयानुसार) से रविवार के अंत तक किसी भी तरह का हमला न करने का आदेश दिया है। पुतिन ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है, यूक्रेन भी रूस के फैसले का सम्मान करेगा और इसमें सहयोग करेगा। हालांकि पुतिन ने अपनी सेना को किसी भी हमले के लिए तैयार रहने का भी निर्देश दिया है।
एक दूसरे के कैदियों को रूस-यूक्रेन ने छोड़ा
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन द्वारा नियंत्रित क्षेत्र से 246 रूसी सेवा सदस्यों को वापस लाया गया और सद्भावना के संकेत के रूप में 31 घायल यूक्रेनी युद्धबंदियों को तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले 15 घायल रूसी सैनिकों के बदले में ट्रांसफर किया गया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि 277 यूक्रेनी योद्धा रूसी कैद से घर लौट आए हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने दी थी चेतावनी
पुतिन की घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद आई है कि वाशिंगटन कुछ ही दिनों में रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते के लिए मध्यस्थता करने के अपने प्रयास से पीछे हट सकता है। यूरोपीय और यूक्रेनी नेताओं के साथ उच्च स्तरीय चर्चा के बाद पेरिस में बोलते हुए रुबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन यह आकलन कर रहा है कि क्या यह प्रयास व्यवहार्य है। रुबियो ने कहा, “हम इस प्रयास को हफ्तों और महीनों तक जारी नहीं रखने जा रहे हैं।”
रूस-यूक्रेन के बीच नहीं बन पा रही बात, भड़के ट्रंप बोले- दोनों बेवकूफ, हम पीछे हट जाएंगे
मार्को रुबियो ने कहा, “इसलिए हमें अब बहुत जल्दी यह तय करने की ज़रूरत है, और मैं कुछ ही दिनों की बात कर रहा हूँ कि अगले कुछ हफ़्तों में यह संभव है या नहीं। अगर यह संभव है, तो हम इसमें शामिल हैं। अगर ऐसा नहीं है, तो हमारे पास ध्यान केंद्रित करने के लिए अन्य प्राथमिकताएं भी हैं।” रूस-यूक्रेन युद्ध 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के साथ शुरू हुआ था। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप का सबसे बड़ा सैन्य संघर्ष बन गया है।
जबकि युद्ध के शुरुआती महीनों में बेलारूस और तुर्की में बैठकों सहित शांति वार्ता के शुरुआती दौर आयोजित किए गए थे, लेकिन वे स्थायी परिणाम देने में विफल रहे। हालांकि कभी-कभी मानवीय युद्धविराम, कैदियों की अदला-बदली और अनाज निर्यात समझौते (जैसे कि संयुक्त राष्ट्र और तुर्की द्वारा मध्यस्थता की गई ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव) ने अस्थायी राहत प्रदान की है। यूक्रेन पूर्ण क्षेत्रीय बहाली की मांग कर रहा है और रूस कब्जे वाले क्षेत्रों पर कब्जा कर रहा है, जिससे बातचीत के जरिए समाधान निकलना मुश्किल हो गया है।