यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों के भविष्य को लेकर बुलाई सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सरेआम अपने SPY चीफ को झिड़क दिया। उनकी राय को दरकिनार कर उन्हें बैठने के लिए कह दिया। मीटिंग की शुरुआत में पुतिन ने सरगेई से उनके सुझाव मांगे थे। इस दौरान यूक्रेन के विद्रोहियो को मान्यता देने पर रायशुमारी की गई।

SPY चीफ सरगेई का कहना था कि जो चर्चाएं आज हो रही हैं, हमें उन पर कोई फैसला तत्काल लेना होगा। इस पर पुतिन ने उनसे पूछा कि उनके कहने का मतलब क्या है? क्या वो यूक्रेन से बातचीत शुरू करने की सलाह दे रहे हैं? वो उनसे साफ लफ्जों में अपनी बात कहने का आदेश देते हैं। वो उनसे पूछते दिख रहे हैं कि हम विद्रोहियों का समर्थन करें या फिर इसे भविष्य के लिए छोड़ दें। पुतिन कुछ और सवाल सरगेई से करते हैं तो उनका जवाब होता है कि विद्रोहियों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के प्रस्ताव का वो समर्थन करते हैं।

ध्यान रहे कि यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को रूस ने मान्यता दे दी है। रूस के इस फैसले से यूक्रेन संकट और गहराता जा रहा है। राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की। इसके साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है।

उधर, अमेरिका ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की, जिन्हें रूस ने मान्यता दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अलगाववादी क्षेत्रों की मान्यता को खारिज कर दिया। ब्लिंकन ने कहा कि यह यूक्रेन की संप्रभुता पर एक स्पष्ट हमला है। उन्होंने कहा कि रूस का निर्णय राष्ट्रपति पुतिन के अंतरराष्ट्रीय कानून और मानदंडों के प्रति अनादर का एक और उदाहरण है।

पश्चिमी देशों को इस बात की आशंका है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। वो पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। इससे पहले यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें। फिलहाल अमेरिकी प्रतिबंधों ने एक नए चरण की शुरुआत कर दी है। ये कदम रूस से टकराव का कारण बन सकता है।