सोमवार को अफगानिस्तान के काबुल शहर स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बदहवास लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा था। इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शहर छोड़ कर भागने वाले लोगों की बेचारगी और बेबसी देखने लायक थी। तालिबानी शासन के डर से युद्धग्रस्त देश से निकलने की कोशिश में सैकड़ों लोग हवाईअड्डे पर जमा हो गए, जहां अफरा-तफरी मचने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई।
शहर छोड़कर भागने की जद्दोजहद में लोग सीढ़ियों के सहारे अमेरिकी वायुसेना के एक विमान के कुछ हिस्सों से लटक गए तो कुछ लोग इसके पहिए पर चढ़ गए। इस दौरान उड़ान भरने पर तीन अफगान नागरिक विमान से नीचे गिर गए। इनके शव घर की छतों पर पाए गए।
अमेरिकी सैनिकों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी और हवा में गोलियां भी चलाईं। इस बीच अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और न्यूजीलैंड के देशों ने इस भयावह स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है कि वह अपने नागरिकों को यहां से निकालने के प्रयास में जुट गए हैं। भारत भी अफगान के समूचे प्रकरण पर नजर रख रहा है और वहां से भारतीयों को सुरक्षित निकालने में जुट गया है।
इस बीच, हामिद करजई अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे से सभी वाणिज्यिक उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं। अफगान नागर विमानन प्राधिकरण ने एक बयान में यह कहा। बयान में लोगों से हवाईअड्डे पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की गई है। दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान के शासन से भागने की कोशिश करते हुए अमेरिकी वायुसेना के एक विमान से बाहर से लटके लोगों में डर और भय व्याप्त था। ऐसे हजारों हवाई पट्टी पर उमड़ पड़े थे और किसी भी तरह से देश छोड़कर जाने के लिए बेचैन थे। वे अपने देश पर तालिबान के कब्जा करने से इतने हताश थे कि अपनी जान की भी परवाह नहीं कर रहे थे।