अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने देश में मुस्लिमों के आने पर पाबंदी लगाने की मांग की है। ट्रंप की ओर जारी किए गए बयान के मुताबिक, मुस्लिमों पर यह बैन तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक अमेरिका अथॉरिटीज को यह समझ न आए कि आखिर अमेरिका के प्रति उनका नजरिया क्या है? पिछले हफ्ते अमेरिका के सैन बर्नार्डिनो के कम्युनिटी सेंटर पर फायरिंग हुई थी। इसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले का आरोप सैयद फारुख और तश्फीन मलिक पर जो है, जो कि पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम बताए जा रहे हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में साफ किया है कि उनकी यह नीति उन मुस्लिमों पर लागू नहीं होगी, जो अभी अमेरिका में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे कई दोस्त मुस्लिम हैं। वे बहुत ही बढि़या इंसान हैं। लेकिन हमारे देश में रहने वाला एक वर्ग ऐसा है, जिनके अंदर घृणा भरी हुई है।’
ट्रंप इससे पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 में हुए आतंकवादी हमलों के बाद मुसलमानों ने जश्न मनाया था। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उनका बयान सौ फीसदी सही हैं। ट्रंप ने कहा था- मस्जिदों को निगरानी में रखने की जरूरत है। मैं अमेरिका में सभी मुसलमानों के रहने पर डिबेट करना चाहता हूं। ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था- मैं राष्ट्रपति बनता हूं, लेकिन उन कंपनियों को कोई एच-1बी वीजा जारी नहीं करूंगा, जो अमेरिकियों को निकालकर विदेशियों को नौकरी पर रखते हैं और मेरा जस्टिस डिपार्टमेंट उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। उनके इस बयान पर भारतीयों मूल के अमेरिकियों ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी।