इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकी समूह पाकिस्तान के समक्ष एक बड़ा खतरा बन रहा है और बेहद खतरनाक ढंग से देश में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। एक थिंक टैंक की रिपोर्ट में यह कहा गया है। पाकिस्तान इस बात से इनकार करता आया है कि देश में आईएसआईएस की संगठित मौजूदगी है। हालांकि, आतंकी समूह का दावा है कि हाल के वर्षों में बलूचिस्तान में हुए कई हमलों को उसी ने अंजाम दिया है। ‘डॉन’ न्यूज की खबर के मुताबिक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (पीआईपीएस) की सुरक्षा रिपोर्ट में कहा गया कि आईएस, जो विशेष तौर पर उत्तरी सिंध और बलूचिस्तान में सक्रिय है, वह पिछले वर्ष चीन के दो नागरिकों के अपहरण तथा हत्या की घटना में भी शामिल था।

स्पेशल रिपोर्ट 2017 में सुरक्षा विश्लेषण के निष्कर्षों को पीआईपीएस ने साझा किया। यह पाकिस्तान के समक्ष पेश सुरक्षा चुनौतियों की झलक देती है। इसमें कहा गया, ‘‘तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान, जमातुल अहरर और अन्य ने इसी तरह के लक्ष्यों के साथ 58 फीसदी हमलों को अंजाम दिया जबकि 37 फीसदी और पांच फीसदी हमलों को विद्रोहियों और हिंसक जातीय समूहों ने अंजाम दिया।’’ रिपोर्ट में आईएसआईएस की खतरनाक ढंग से बढ़ती मौजूदगी, खासकर बलूचिस्तान और उत्तरी सिंध प्रांत में, का भी जिक्र किया गया। इस समूह ने उन प्रांतों में भयावह हमलों को अंजाम दिया।

इसमें कहा गया कि आईएसआईएस की मौजूदगी बढ़ रही है और उसने छह खतरनाक हमलों में 153 लोगों की हत्या की। इसमें कहा गया, ‘‘एक वर्ष पहले की तुलना में वर्ष 2017 में पाकिस्तान में 370 आतंकी हमले हुए, उसमें 815 लोगों की मौत हो गई जबकि 1,736 लोग घायल हो गए।’’ वहीं दूसरी तरफ, चीन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर उंगली उठाए जाने और उसे आतंकवाद के साथ जोड़ने का वह विरोध करता है। साथ ही बीजिंग ने इसपर जोर दिया कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी किसी देश विशेष पर नहीं डाली जा सकती है। पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने को लेकर इस्लामाबाद पर बढ़ते अमेरिकी दबाव के बीच चीन ने उक्त बात कहते हुए अपने मित्र का समर्थन किया है।