Bangladesh News: भारत ने बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर में की गई तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की और देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से इस घटना में शामिल चरमपंथी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया। अब इस मामले पर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय का रिएक्शन भी सामने आया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश के लोग और सरकार कवि रवींद्रनाथ टैगोर को सर्वोच्च सम्मान देते हैं और हमारी भाषा, साहित्य और संस्कृति में उनके योगदान का गहरा सम्मान किया जाता है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘बांग्लादेश सरकार का ध्यान बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में प्रतिष्ठित बंगाली नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर से संबंधित सरकारी स्वामित्व वाली संपत्ति में हुई एक कथित घटना की ओर आकर्षित किया गया है। यह घटना कुछ दिनों पहले दो विजिटर्स और प्रॉपर्टी के रखवाले के बीच हुए विवाद पर केंद्रित है। इसका मैनेजमेंट सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है।’
इस मामले में दो लोगों को किया गया गिरफ्तार
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ‘इस घटना के बाद 10 जून को स्थानीय पुलिस में एक मामला दर्ज किया गया था। इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। जिला प्रशासन द्वारा एक स्थानीय जांच बोर्ड का गठन भी किया गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है। बांग्लादेश के लोग और सरकार कवि रवींद्रनाथ टैगोर को सर्वोच्च सम्मान देते हैं और हमारी भाषा, साहित्य और संस्कृति में उनके योगदान का गहरा सम्मान किया जाता है। बांग्लादेश की सरकार और लोग उनके योगदान को संजोए रखेंगे और यह दोहराना चाहेंगे कि बांग्लादेश के राष्ट्रीय और सांस्कृतिक क्षेत्र में इस विषय पर विवाद को बढ़ावा देने के लिए किसी भी विभाजनकारी और प्रेरित प्रयास की कोई गुंजाइश नहीं है।’
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भारत ने जताई थी नाराजगी
8 जून को बंग्लादेश में भीड़ द्वारा रवींद्र नाथ टैगोर के घर पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई। इस पर भारत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम 8 जून 2025 को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर भीड़ द्वारा किए गए घृणित हमले और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने इस घटना की निंदा की और कहा कि बंग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा सिस्टेमैटिक तरीके से वहां के समावेशिता, सहिष्णुता और संस्कृति को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। अगले साल अप्रैल में होंगे बांग्लादेश में चुनाव
