US Air Strike: ईरानी सेना के कमांडर कासिम सुलेमानी को उनके गृह प्रदेश कर्मन में मंगलवार को दफनाया जाएगा। रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि तीन दिन के शोक के बाद उन्हें दफना दिया जाएगा। अमेरिकी सेना ने बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाहर हवाई हमला कर शुक्रवार को सुलेमानी की हत्या कर दी थी। इस घटना ने इस्लामी गणराज्य को अचंभे में डाल दिया और पश्चिम एशिया में नये युद्ध की आशंका पैदा कर दी। इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने पुष्टि की कि उसके कुद्स बल के कमांडर की इस हवाई हमले में मौत हो गई थी।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए ‘‘कड़े प्रतिशोध’’ का संकल्प जताया और तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की वेबसाइट पर शुक्रवार देर रात पोस्ट किए गए एक बयान में बताया गया कि सुलेमानी का शव शनिवार रात तेहरान पहुंच सकता है। इसके बाद उसे पाक शिया शहर मशहद ले जाया जाएगा जहां अगले दिन इमाम रजा की दरगाह के बगल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
वहीं चीन ने कहा कि अमेरिका को अपनी सैन्य शक्ति का मनचाहा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। चीनी विदेश मंत्री वांग यांग यी ने कहा है कि यूएस की बगदाद में एयरस्ट्राइक ने अंतरराष्ट्रीय संबंध के बुनियादी मानदंडों को उल्लंघन किया है। इससे मिडिल ईस्ट में तनाव की स्थिति उतपन्न हो रही हैं।
बता दें कि अमेरिकी ने शुक्रवार को एक हमले में ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी। जिसके बाद से ईरान और अमेरिका में तनाव चरम पर पहुंच गया है। पेंटागन ने एक बयान जारी कर कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर यह कार्रवाई की गई।
कमांडर की मौत पर ईरान में लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका की कार्रवाई पर विश्व भर से प्रतिक्रियाएं आई हैं। चीन ने अमेरिका को अपनी सैन्य शक्ति का गलत इस्तेमाल करने के लिए टोका तो यूरोपीय संघ ने की शांति की अपील की है। वहीं ईरान ने इस कार्रवाई पर ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर ने कहा है कि अमेरिकी फौजों ने ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार कर वाशिंगटन ने तेहरान को ‘‘यथोचित’’ जवाब देने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप बदला चाहते हैं, तो आपको वैसा ही बदला मिलेगा, जैसा आप चाहते हैं।’’
चीन ने शनिवार को कहा कि अमेरिका को अपनी सैन्य शक्ति का मनचाहा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। चीनी विदेश मंत्री वांग यांग यी ने कहा है कि यूएस की बगदाद में एयरस्ट्राइक ने अंतरराष्ट्रीय संबंध के बुनियादी मानदंडों को उल्लंघन किया है। इससे मिडिल ईस्ट में तनाव की स्थिति उतपन्न हो रही हैं।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर ने कहा है कि अमेरिकी फौजों ने ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार कर वाशिंगटन ने तेहरान को ‘‘यथोचित’’ जवाब देने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप बदला चाहते हैं, तो आपको वैसा ही बदला मिलेगा, जैसा आप चाहते हैं।’’
ईरानी सेना के कमांडर कासिम सुलेमानी को उनके गृह प्रदेश कर्मन में मंगलवार को दफनाया जाएगा। रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि तीन दिन के शोक के बाद उन्हें दफना दिया जाएगा। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए ‘‘कड़े प्रतिशोध’’ का संकल्प जताया और तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।
सुलेमानी की मौत पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुलेमानी ने दिल्ली और लंदन में आतंकी साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि 2012 में दिल्ली में एक कार में धमाका हुआ था इसमें सुलेमानी का हाथ था।
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उसे आत्मरक्षा का अधिकार है। ईरान ने यूएन को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि सुलेमानी की हत्या स्टेट टेरेरिज्म का जीता जागता उदाहरण है। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है।
अमेरिकी ड्रोन हमले में बगदाद में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद नाटो ने इराक में अपने प्रशिक्षण मिशनों को फिलहाल स्थगित कर दिया है। गठबंधन सेना के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। इराक स्थित नाटो के मिशन में हजारों कर्मी हैं। यह मिशन बगदाद के अनुरोध पर इराकी सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण दे रहा है ताकि वहां जिहादी संगठन इस्लामिक स्टेट की वापसी को रोका जा सके।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वाशिंगटन के यूरोपीय सहयोगी उतने मददगार नहीं रहे, जितनी कि इराक में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत को लेकर उन्होंने उम्मीद की थी। पोम्पियो ने इस ड्रोन हमले पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन कहीं-कहीं से उन्हें यह चेतावनी भी मिली कि यह क्षेत्रीय तनाव बढ़ा सकता है। पोम्पियो ने कहा, ‘‘ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, सभी को यह समझने की जरूरत है कि जो हमने किया, जो अमेरिका ने किया, उसने यूरोप में भी लोगों की जिंदगियां बचाई हैं।’’
अमेरिकी हमले में ईरान एवं इराक के शीर्ष कमांडरों के मारे जाने की घटना के बाद उग्रपंथियों के खिलाफ लड़ाई में मदद कर रहे अमेरिका के नेतृत्व वाले सुरक्षा बलों की संख्या इराक अभियान में कम कर दी गई है। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया, ‘‘हमलोग अपने सुरक्षा सहयोगियों के साथ इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ अभियान को सीमित करेंगे, जहां वे हमारे बल के सुरक्षा प्रयासों में परस्पर सहयोग करते हैं।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने गठबंधन सेना के लिए मौजूद इराकी सैन्य अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी है और रक्षात्मक कदम उठा रहे हैं।’’
कासिम सुलेमानी को मौत के घाट उतारने के बाद ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि नागिक इराक और ईरान में ट्रैवल करने से बचें।
ईरान की सेना ने कहा है कि मिडिल ईस्ट में अगर युद्ध होता है तो इसके लिए अमेरिका जिम्मेदार होगा। वहीं यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ने कहा है कि सुलेमानी सीरिया और इराक में दहशत के लिए जिम्मेदार था इसलिए उसे मौत के घाट उतारा गया।
अमेरिकी हमले में मारे गए इराकी कमांडर की अंतिम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। इस दौरान लोगों ने अमेरिका विरोधी नारेबाजी की और कुछ जगहों पर अमेरिका के झंडे भी जलाए गए। इराक की राजधानी बगदाद में पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स के डिप्टी चीफ महदी अल मुहांदिस की अंतिम यात्रा में लोग भारी संख्या में सड़कों पर उतरे।
पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स के डिप्टी कमांडर की अंतिम यात्रा में बगदाद की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। इराक में लोगों ने विभिन्न मस्जिदों में भी हमले में मारे गए अधिकारियों के लिए दुआ की। ईरान के मिलिट्री कमांडर का शव आज उनके देश पहुंचेगा।
पोम्पियो ने कहा कि 'इस हमले से हमने यूरोप की भी कई जिन्दगियां बचायी हैं, लेकिन हमारे सहयोगी इस बात को नहीं समझ रहे हैं कि वह (कासिम सुलेमानी) क्या करने का प्रयास कर रहा था।' वहीं ईरान ने कासिम सुलेमानी की मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और अमेरिका को इसके गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपने एक बयान में कहा कि 'यदि शुक्रवार को कासिम सुलेमानी को निशाना नहीं बनाया जाता तो एक हमले का खतरा था, जिसमें सैंकड़ों, हजारों अमेरिकी नागरिकों की जान जा सकती थी।'
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 'कासिम सुलेमानी पश्चिम एशिया को पिछले 20 वर्षों से अस्थिर करने के लिए आतंकी गतिविधियों में शामिल था। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने शुक्रवार को जो किया उसे वह बहुत पहले कर देना चाहिए था और इससे काफी जिंदगियां बचाई जा सकती थी।'
यूरोपीय संघ में विदेश मामलों के मंत्री जोसेप बॉरेल ने शुक्रवार को कहा कि इराक में ‘‘हिंसा का चक्र नियंत्रण से बाहर हो जाए’’, उससे पहले ही उसे रोक देना चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा कि यूरोपीय संघ इसमें शामिल सभी पक्षों से संयम बरतने और इस नाजुक मौके पर जिम्मेदारीपूर्ण रवैया अपनाने की अपील करता है।
ईरान के साथ बढ़ रहे तनावों पर ट्रंप ने कहा कि सुलेमानी की मौत से युद्ध नहीं शुरू होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ कल रात हमने युद्ध रोकने के लिए कार्रवाई की। हमने युद्ध शुरू करने के लिए कार्रवाई नहीं की। वे बेहतरीन लोग हैं और अभूतपूर्व विरासत वाले हैं और उनकी क्षमताएं असीमित हैं। हम शासन में बदलाव नहीं चाहते।’’
ट्रंप ने फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'इराक में अमेरिका को निशाना बनाकर कई रॉकेट हमले किए गए जिनमें एक अमेरिकी व्यक्ति की मौत हो गई और अमेरिका के चार सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा बगदाद में हमारे दूतावास पर हिंसक हमला सुलेमानी के आदेश पर किया गया था।' उन्होंने कहा, 'सुलेमानी ने अपने बुरे इरादों से निर्दोष लोगों को मरवाया। आज हम सुलेमानी की क्रूरता का शिकार हुए लोगों को याद करते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं। हमें इसमें शांति मिलेगी।'
जनरल सुलेमानी ईरान के अल-कुद्स बल के प्रमुख थे। शुक्रवार को बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से रवाना हुए उनके काफिले पर किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में वह मारे गए। हमले में ईरान के शक्तिशाली हशद अल-शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख और कुछ अन्य ईरान सर्मिथत स्थानीय मिलिशिया भी मारे गए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की 'नई दिल्ली और लंदन तक में आतंकवादी षडयंत्रों' को रचने में भूमिका थी। ट्रम्प ने सुलेमानी को निशाना बनाकर हमला करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि 'आतंकवाद का शासनकाल खत्म हो गया'।