पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अहम और सख्त कदम उठाए। देश की इस कार्रवाई का नतीजा यह हुआ कि पड़ोसी मुल्क को अपने यहां आपदा प्रबंधन सेल बनाना पड़ गया। समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, दोनों देशों के खासा तल्ख रिश्तों को लेकर पाकिस्तान इन दिनों बेहद बैचेन है। यही वजह है कि उसने हाल ही में यह आपदा प्रबंधन सेल का गठन किया है।

शनिवार (23 फरवरी, 2019) को एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल के हवाले से कहा गया कि यह सेल वहां के शेयरधारकों को सीमा की हलचलों और कूटनीतिक संबंधों को लेकर जानकारियां मुहैया कराएगा। मंत्रालय की ओर से गठित यह सेल बिना किसी छुट्टी के पूरे हफ्ते काम करेगा।

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। घटना में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान समर्थित कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उसके बाद पाकिस्तान से कूटनीतिक तरीके से निपटने के लिए कई बड़े और कड़े कदम उठाए थे।

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पीएम ने साफ कर दिया था कि वह इन शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। ऐसे में उन्होंने घाटी में सुरक्षाबलों को आतंकी गतिविधियों ने निपटने के लिए खुली छूट दे दी। हमले के अगले ही दिन पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी वापस ले लिया गया था, जो कि देश ने उसे पूर्व में दिया था।

मोदी सरकार ने इसके अलावा पाकिस्तान से आयातित होने वाले सभी सामानों पर सीमा शुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया था। वहीं, आतंकी हमले को लेकर आक्रोशित मध्य प्रदेश के किसानों ने पाकिस्तान को टमाटर की आपूर्ति से इनकार कर दिया है, जबकि कारोबारियों ने घोषणा की है कि वे आर्थिक मोर्चे पर पड़ोसी मुल्क के दांत खट्टे करने के लिये वहां से आयातित खारक (छुहारा), सेंधा नमक और आम नहीं बेचेंगे।