पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के मुखिया इमरान खान ने आज (8 अगस्त) पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। क्रिकेट छोड़कर राजनीति की दुनिया में आने वाले खान पिछले 22 वर्षों से सक्रिय राजनीति में हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन, एवान-ए-सद्र में आयोजित एक सादे समारोह में 65 वर्षीय खान को राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पद की शपथ दिलाई। समारोह की शुरूआत राष्ट्रगान से हुई और बाद में कुरान की आयतें पढ़ी गयीं। काले रंग की शेरवानी पहने खान कुछ नर्वस से नजर आ रहे थे क्योंकि शपथ पढ़ने के दौरान वह उर्दू के शब्दों को बोलने में अटक रहे थे।
शपथ ग्रहण के दौरान तब बड़ी अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई जब इमरान शपथ ग्रहण के लिए खालिस उर्दू में लिखे गये कई शब्द पढ़ ही नहीं पा रहे थे। इस दौरान राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कई बार उनकी गलतियां ठीक करवाई। पहली बार जब इमरान एक शब्द का ठीक से उच्चारण नहीं कर पाए, तो राष्ट्रपति ने उस शब्द का उच्चारण दोबारा किया। झेंपते हुए इमरान खान ने मुस्कुराते हुए वे शब्द बड़ी मुश्किल से पढ़े। कुछ ही शब्दों के बाद इमरान फिर से अटक गये। दरअसल राष्ट्रपति ने ‘रोज ए कयामत’ कहा, लेकिन इमरान खान ने इसे ‘रोज ए कयादत’ पढ़ दिया। इसके बाद इमरान ने सॉरी कहा और फिर ‘रोज -ए- कयामत’ शब्द का सही उच्चारण किया। शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया के दौरान लग रहा था कि इमरान खान उर्दू के अल्फाजों का उच्चारण करने में असहज महसूस कर रहे थे। आखिरकार उन्होंने शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी की।
#WATCH Islamabad: Imran Khan fumbles during his oath taking speech pic.twitter.com/cPsgsjwgnD
— ANI (@ANI) August 18, 2018
शपथ ग्रहण समारोह में इमरान खान की तीसरी बीवी बुशरा इमरान भी मौजूद थीं। सादे लिबास में ढकी बुशरा इमरान के शपथ के दौरान आंखें बंद कर दुआ करती हुई दिखीं। बुशरा इमरान खान की तीसरी बीवी हैं। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू, क्रिकेटर से कमंटेटर बने रमीज राजा, पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम सहित अन्य कई विशिष्ट अतिथि समारोह में उपस्थित थे। ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करने वाले पश्तून खान ने 17 अगस्त को अपने एकमात्र प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख शाहबाज शरीफ को नेशनल एसेम्बली में हुए एकतरफा चुनाव में हरा कर प्रधानमंत्री पद के लिए जीत हासिल की।342 सदस्यीय नेशनल एसेम्बली में सरकार बनाने के लिए पार्टी को 172 मतों की जरूरत होती है। कल हुए चुनाव में खान को 176 वोट मिले जबकि शरीफ को 96 वोट मिले।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)