पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने दावा किया कि पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रही कट्टरपंथी धार्मिक पार्टियों ने भारत से संपर्क किया था और सरकार इस बात की जांच कर रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। इकबाल ने अपने दावे के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया। डॉन न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी साधारण लोग नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम देख सकते हैं कि उनके पास विभिन्न संसाधन हैं। उन्होंने आंसू गैस के गोले (सुरक्षा बलों पर) दागे हैं। उन्होंने अपने प्रदर्शन की निगरानी कर रहे कैमरों के फाइबर आॅप्टिक केबल भी काट दिए।’’

इकबाल ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने भारत से भी संपर्क किया था। इकबाल ने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा क्यों किया, हम इसकी जांच कर रहे हैं। उनके पास अंदरूनी सूचना और संसाधन हैं, जिसका राज्य के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।’’ तहरीक-ए-लाबैक या रसूल अल्ला और अन्य धार्मिक समूहों के तकरीबन 2000 कार्यकर्ता इस्लामाबाद में छह नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे खत्म-ए-नबुव्वत में बदलाव या चुनाव अधिनियम 2017 में पैगंबरी की शपथ को अंतिम रूप देने के लिये विधि मंत्री जाहिद हामिद का इस्तीफा मांग रहे हैं।

गौरतलब है कि इस्लामाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग की घेराबंदी कर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने शुक्रवार रात अभियान शुरू किया था। इस दौरान हुई झड़पों में शनिवार को एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई और 200 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए। अभियान को देखते हुए सरकार ने टीवी समाचार चैनलों और फेसबुक, ट्वीटर और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया बेवसाइट को बंद कर दिया है। हालात पर काबू पाने के लिए देर रात सेना बुला ली गई।  पाकिस्तान के गृहमंत्री एहसान इकबाल के खिलाफ शुक्रवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आइएचसी) ने अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया था। इसके बाद यह अभियान शुरू किया गया। यह नोटिस सड़क खाली कराने से संबंधित अदालत के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया था।