पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर(PoK) के हाथ से निकलने के डर से पाकिस्तान ने यहां चुनाव करवा दिए और इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को 45 में से 25 सीटों पर जीत भी हासिल हो गई। लेकिन अब यहां इमरान खान और पाकिस्तानी आर्मी को जनाक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। सवाल यह भी है कि जब इमरान खान की पार्टी को जन समर्थन हासिल हुआ तो ये विरोध करने वाले लोग कौन हैं। जाहिर सी बात है कि ये वहीं के रहने वाले लोग हैं। उन्हें इस बात का विश्वास है कि पाकिस्तानी सेना की हेरफेर की वजह से ही इमरान की पार्टी चुनाव जीती है। ईमानदारी से ये चुनाव नहीं करवाए गए।
पाकिस्तान के विपक्ष ने भी इन चुनाव परिणामों को खारिज किया है। इस चुनाव में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी को 11 साटें और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज को 6 सीट हासिल हुईं। दो सीटें क्षेत्रीय पार्टियों के खाते में गईं। पोओके असेंबली में 53 सदस्यों में से केवल 45 का डायरेक्ट चुनाव से चुना गया।
पीओके के प्रधानमंतारी रजा फारूक ने कहा कि ये चुनाव लोगों को धोखा देने के लिए कराए गए हैं। वहीं PML-N की उपाध्यधक्ष मरियम नवाज ने भी इन चुनाव परिणामों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने भी कहा कि इमरान ने बेईमानी और आर्मी के प्रयोग से ये चुनाव जीते हैं इसलिए इन परिणामों को नहीं माना जा सकता।
Elections in Pakistan Occupied Kashmir. Stand-off between Pakistan Frontier Constabulary and local police at Sharda valley when youth resisted Frontier constabulary men who tried to forcefully evict local female passengers from their van to use it for election duty. Clashes. pic.twitter.com/zpRCshaQ1W
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 26, 2021
भारत ने भी गिलगिट और बाल्टिस्तान में चुनाव कराने पर पाकिस्तान को लताड़ लगाई है और कहा है कि यहां पर आर्मी की स्थिति में बदलाव करना गैरकानूनी है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘पाकिस्तान नवंबर में गिलगिट और बाल्टिस्तान में चुनाव कराने का विचार कर रहा है। हम बता देना चाहते हैं कि 1947 के समझौते के मुताबिक पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, साथ ही गिलगिट और बाल्टिस्तान भारत के अभिन्न अंग हैं। गिलगिट और बाल्टिस्तान पर पाक ने अवैध कब्जा किया है।’