एक भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर ने कहा है कि यूसीएलए हत्या-आत्महत्या के लिए जिम्मेदार मैनक सरकार ने अपनी कक्षा में एक छात्र के रूप में कोई बहुत प्रभावी प्रदर्शन नहीं किया था। यहां तक कि जब दोनों एक दूसरे के पास से गुजरते थे तो दोनों के पश्चिम बंगाल से होने के बावजूद सरकार ने कभी उनसे दुआ सलाम तक नहीं किया था। प्रोफेसर अजित मल बुधवार को उस समय यूनिवर्सिटी आॅफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस (यूसीएलए) के दफ्तर में थे और अपनी इंजीनियरिंग की कक्षा लेने जा ही रहे थे जब आइआइटी खड़गपुर के पूर्व छात्र मैनक सरकार ने 39 साल के प्रोफेसर विलियम क्लग की गोली मारकर हत्या कर दी।
सरकार ने क्लग पर उसका कंप्यूटर कोड चुराने और इसे किसी और को देने का आरोप लगाया था। मल ने यूसीएलए के एक अन्य प्रोफेसर क्रिस्टोफर लिंच की त्वरित कार्रवाई के लिए उनकी सराहना की, जिन्होंने 38 साल के बंदूकधारी को वहां से भागने नहीं दिया। लॉस एंजिलिस टाइम्स ने मल और लिंच दोनों के हवाले से कहा कि सरकार का यह आरोप निराधार है कि क्लग ने उसका कंप्यूटर कोड चुराया था। लिंच ने कहा कि सभी यूसीएलए कर्मी और स्नातक छात्र वहां विकसित किसी भी बौद्धिक संपदा को विश्वविद्यालय को सौंप देते हैं और यदि बाद में इसे लाइसेंस मिलता है तो रॉयल्टी समझौते होते हैं और लाभ साझा किए जाते हैं। दोनों लोगों ने कहा कि सरकार ने कई साल पहले उनकी कक्षा में प्रवेश लिया था लेकिन वह थोड़ा-बहुत प्रभाव ही छोड़ पाया। मल ने कहा कि सरकार, शांत और अंतर्मुखी स्वभाव का था और यहां तक कि जब दोनों एक दूसरे के करीब से गुजरते थे तो भी वह कभी दुआ सलाम नहीं करते थे।
प्रोफेसर को उसका यह स्वभाव थोड़ा असामान्य लगा था क्योंकि दोनों पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखते थे और एक ही भाषा बोलते थे। मल ने यह भी कहा कि यह संभव है कि क्लग को कभी यह पता ही न रहा हो कि सरकार उनके प्रति कटुता रखता है। भयावह घटना को याद करते हुए मल ने कहा कि शोरशराबा सुनकर वह इंजीनियरिंग इमारत के चौथे तल पर स्थित अपने कार्यालय से बाहर आए और लिंच भी उसी समय बाहर निकले। उस समय तक, न तो मल और न ही लिंच को इस बात का अहसास हुआ कि क्या हुआ है।
हालांकि, लिंच यह जानते थे कि क्लग अपनी जान कभी नहीं लेगा। उन्हें अंदर एक शूटर दिखा। उन्हें पता था कि उस समय तल पर एक दर्जन से अधिक संकाय सदस्य और स्टाफ सदस्य थे। इसलिए वह क्लग के दफ्तर तक गए और दरवाजा बंद कर दिया। लिंच ने कहा, ‘यदि वह बाहर आ जाता तो हमारी खैर नहीं थी।’ इसके बाद लिंच ने अंदर तीसरी गोली की आवाज सुनी और फिर खामोशी छा गई। लिंच को लगा कि शूटर ने खुद की जान ले ली है।
मल ने कहा कि दरवाजा बंद करने के साथ ही लिंच उन पर तथा अन्य सहकर्मियों की तरफ चिल्लाए और कहा कि वापस अपने दफ्तरों में जाओ और दरवाजे बंद कर लो।
इस तरह जिंदगियां बच गईं।