शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले समारोह में आए पड़ोसी मुल्कों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। राष्ट्रपति भवन में समारोह खत्म होने के बाद उन्होंने रात 10.15 बजे किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सोरनबे जिनबेकोव के साथ वार्ता की। जिनबेकोव देर रात स्वदेश के लिए रवाना हो गए। 2014 में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के समय भारत ने सार्क देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था।
शुक्रवार को सुबह से बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, सबसे पहले वे हैदराबाद हाउस में सुबह 10.30 बजे बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से मुलाकात करेंगे। इसके बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगनाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोते शेरिंग से मिलेंगे।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, सभी राष्ट्राध्यक्षों के साथ 20-20 मिनट की बैठक का समय तय किया गया है, जो बढ़ाया भी जा सकता है। जानकारों के मुताबिक, इस बार जिन मुल्कों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया, उससे यह संकेत देने की कोशिश की गई है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल की खाड़ी के मुल्कों से लेकर मध्य एशिया के देशों तक भारत की पैठ मजबूत की है।
सबको 20-20 मिनट का समय
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ लेने के बाद पहली द्विपक्षीय वार्ता किर्गिस्तान के राष्ट्रपति से की।
– वे शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगनाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोते शेरिंग से मिलेंगे।
– विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, सभी राष्ट्राध्यक्षों के साथ 20-20 मिनट की बैठक का समय तय किया गया है, जो बढ़ाया भी जा सकता है।