पाकिस्तान की ओर से आंतकियों को समर्थन करने के भारत के दावे को उस समय और बल मिला गया जब पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने कहा कि पाकिस्तान की कुछ राजनीतिक पार्टियां आंतकवाद का समर्थन करती हैं। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस अनवर जहीर जामली ने कुछ राजनीतिक पार्टियों को आतंकवाद का समर्थन करने पर कड़ी फटकार लगाई है। बता दें कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने सालों से इस बात का दावा करता आ रहा है पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहा है।
इंडिया टुडे ने पाकिस्तानी टीवी चैनल Geo न्यूज के हवाले से कहा कि जस्टिस जमील ने सोमवार को कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि कुछ राजनीतिक दल अपने स्वंय के हित साधने के लिए आतंकवादियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकी वकीलों और जजों में डर पैदा करने के लिए कोर्ट को टारगेट करते हैं। आंतरिक संरक्षण के कारण पाकिस्तान में आतंकवाद फल-फूल रहा है।
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पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने अपील करते हुए कहा कि शासन की विभिन्न संस्थाओं को ठीक ढंग से काम करना चाहिए ताकि देश में स्थिरता लाई जा सके। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं को अपने अधिकार-क्षेत्र में काम करना चाहिए और दूसरे के कार्यक्षेत्र में हस्ताक्षेप नहीं करना चाहिए। जस्टिस ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार (धार्मिक उत्पीड़न) का कोई स्थान नहीं है। पाकिस्तान का संविधान इस बात की इजाजत देता है कि देश में किसी भी धर्म को मानने वाला बिना किसी खौफ अपने धर्म के पालन कर सकता है।
गौरतलब है कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना मुख्यालय पर हुए आंतकी हमले में भी पाकिस्तान से आए आतंकियों का नाम सामने आ रहा है। भारत पहले भी पाकिस्तान पर आतंकवाद को संरक्षण देने का दावा करता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हाई लेवल मीटिंग की। मीटिंग में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।