ओमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैत्री पर्व’ कार्यक्रम में भारतीय छात्रों और समुदाय को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत भारत माता की जय, वदें मातरम के साथ किया। उन्होंने भाषण में कहा कि वे अपने सामने एक मिनी इंडिया देख रहे हैं।

आगे पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारा भारत कैसे नई गति से बढ़ रहा है, यह ओमान में रह रहे भारतीय जानते हैं। भारत की गति हमारे इरादों में दिख रही है। कुछ दिनों पहले आर्थिक विकास के आंकड़े आए, जिसमें भारत की ग्रोथ रेट आठ प्रतिशत से अधिक रही और ये तब हुआ जब पूरी दुनिया चुनौतियों से घिरी हुई है, तब भारत लगातार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

पीएम ने बताया मैत्री का फुल फॉर्म

पीएम ने कहा कि आज हम सब यहां भारत-ओमान “मैत्री पर्व” भी मना रहे हैं। उन्होंने मैत्री का मतलब भी समझाया कि M– मैरीटाइम हेरीटेज, A– एस्पिरेशन, I– इनोवेशन, T– ट्रस्ट एंड टेक्नोलॉजी, R– रिस्पेक्ट, I– इंकल्सिव ग्रोथ यानी ये “मैत्री पर्व” दोनों देशों की दोस्ती, हमारे साझा इतिहास और समृद्ध भविष्य का उत्सव है।

पीएम मोदी के संबोधन की 10 अहम बातें

  1. भारत और ओमान न केवल भौगोलिक रूप से बल्कि पीढ़ियों से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यूनेस्को ने दिवाली को इंटेंजिबल कल्चरल हेरीटेज में शामिल कर लिया है। अब हमारा ‘दीया’ केवल हमारे घरों को ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को रोशन करेगा।
  2. भारत-ओमान के बीच जो रिश्ता ट्रेड से शुरू हुआ था, आज उसको एजुकेशन मजबूत बना रही है। मुझे बताया गया है कि यहां के भारतीय स्कूलों में करीब 46 हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें ओमान में रहने वाले अन्य समुदायों के भी बच्चे शामिल हैं। ओमान में भारतीय शिक्षा के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये हम दोनों देशों के संबंधों का एक बहुत बड़ा पड़ाव है।
  3. मुझे यहां आए हुए केवल 30 मिनट हुए हैं, इन 30 मिनटों में भारत में यूपीआई से 14 मिलियन रियल-टाइम पेमेंट हुए हैं। भारत में बड़े-बड़े शोरूम से लेकर छोटे से छोटे वेंडर तक इस पेमेंट सिस्टम से कनेक्टेड हैं।
  4. पिछले 11 वर्षों में, भारत भर में हजारों नए कॉलेज बनाए गए हैं। अब आईआईटी संस्थानों की संख्या 16 से बढ़कर 23 हो गई है। 11 वर्ष पहले, केवल 13 आईआईएम थे, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 21 हो गई है। इसी तरह एम्स की संख्या सात से बढ़कर 22 हो गई है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी दोगुनी हो गई है, जो 400 से बढ़कर 800 हो गई है।
  5. भारत, दुनिया का पहला ऐसा देश है, जो चंद्रमा के साउथ पोल तक पहुंच गया है। इतना ही नहीं, हमने 104 सैटेलाइट को एक साथ लॉन्च करने का कीर्तिमान बनाया है। अब भारत अपने गगनयान से पहला ह्यूमन स्पेस मिशन भी भेजने जा रहा है। वो समय भी दूर नहीं जब स्पेस में भारत का अपना स्पेस स्टेशन भी होगा।
  6. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश है। इसके अलावा, हमने एक ही मिशन में 104 उपग्रहों को प्रक्षेपणित करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। अब, गगनयान परियोजना के साथ, भारत अपना पहला मानव अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। बहुत जल्द भारत अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित कर लेगा।
  7. भारत का स्पेस प्रोग्राम राष्ट्रीय सीमाओं से परे है; हम ओमान की स्पेस संबंधी आकांक्षाओं का भी समर्थन कर रहे हैं। लगभग छह-सात साल पहले, हमने अंतरिक्ष सहयोग के संबंध में ओमान के साथ एक समझौता किया था। इस साझेदारी के तहत, इसरो ने भारत-ओमान अंतरिक्ष पोर्टल बनाया है।
  8. दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत के किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा समाधान दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचा रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान, भारत ने दुनिया भर के देशों को 30 करोड़ टीके उपलब्ध कराए। इनमें से लगभग 1,00,000 टीके भारत में निर्मित थे और ओमान के लोगों को दिए गए। ऐसे समय में जब अधिकांश देश अपनी जरूरतों को प्राथमिकता दे रहे थे, हमने अपनी सीमाओं से परे जाकर अन्य देशों का भी समर्थन करने का निर्णय लिया।
  9. यहां भारतीय स्कूलों ने 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया और अब हमें अगले 50 वर्षों के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना है। इसलिए मैं हर युवा से कहना चाहूंगा, बड़े सपने देखो, गहराई से सीखो, साहसिक नवाचार करो।
  10. आज भारत-ओमान एक ऐसा ऐतिहासिक निर्णय ले रहे हैं, जिसकी गूंज आने वाले कई दशकों तक सुनाई देगी। कंपरेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट यानी सीईपीए, हमारी पार्टनरशिप को 21वीं शताब्दी में नया विश्वास, नई ऊर्जा देगा। ये हमारे साझा भविष्य का ब्लू प्रिंट है। ये हमारे ट्रेड को नई गति देगा, इंवेस्टमेंट को नया भरोसा देगा और हर सेक्टर में अवसरों के नए द्वार खोलेगा। बीते 11 वर्षों के दौरान भारत ने सिर्फ नीतियां नहीं बदली हैं, भारत ने अपना इकोनॉमिक डीएनए बदला है।