प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों से कहा है कि वे भारत में निवेश करें। उन्होंने कहा कि भारत में पारदर्शी और स्पष्ट नीतियों के अलावा माहौल अनुकूल है और व्यापार करना आसान है। नरेंद्र मोदी सोमवार को सिडनी से कैनबरा पहुंचे। वे मंगलवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट के साथ शिखर वार्ता करेंगे। दोनों देश सामाजिक सुरक्षा, सजायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण और नशीली दवाओं के कारोबार पर अंकुश लगाने सहित कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। मोदी एबट के साथ वार्ता के बाद संघीय संसद को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा संस्कृति और पर्यटन पर सहमति पत्र भी हस्ताक्षर हो सकते हैं।

सोमवार सुबह ब्रिस्बेन में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों से कहा कि वे भारत में निवेश करें। उन्होंने कहा कि भारत में पारदर्शी और स्पष्ट नीतियों के अलावा माहौल अनुकूल है और व्यापार करना आसान है। मोदी ने अनावश्यक कानून खत्म करने और प्रक्रिया आसान बनाने का भरोसा दिलाते हुए कहा-‘आप भारत में अब फर्क महसूस करेंगे।’ प्रधानमंत्री क्वींसलैंड के प्रधानमंत्री कैंपबेल न्यूमैन की ओर से आयोजित नाश्ते पर बुलाई गई बैठक में बोल रहे थे। इस बैठक में आस्ट्रेलिया के कई उद्योगपति मौजूद थे।

मोदी ने कहा कि क्वींसलैंड भारत के विकास, ऊर्जा, खनिज संसाधन, कृषि, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और कुछ क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भागीदार हो सकता है। मोदी ने उद्योगपतियों से कहा-‘हमने अपनी नीतियों को पारदर्शी और स्पष्ट बनाया है। साथ ही प्रक्रियाओं को आसान और स्पष्ट रूप से परिभाषित बनाया है।’ उन्होंने कहा कि अच्छा प्रशासन बदलाव की प्रस्थान बिंदु है और यह व्यापार के लिए भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना सामान्य जनता के लिए। उन्होंने कहा कि आप न सिर्फ अवसरों को भागीदारी में बदल पाएंगे, बल्कि आप यह ऐसे माहौल में कर पाएंगे जो अनुकूल है और जिसमें कारोबार करना आसाना है।

modi-speech

मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने भारत में विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक नए अभियान के तौर पर ‘मेक इन इंडिया’ पेश किया है। मोदी ने उन्हें भारत में 100 स्मार्ट शहर बनाने, 50 मेट्रो परियोजना और 500 अन्य शहरों के लिए आधुनिक कचरा प्रबंधन प्रणाली लागू करने की अपनी योजना के बारे में भी बताया।

मोदी ने भारत में कई व्यापार मिशन भेजने के लिए भी क्वींसलैंड की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस साल सितंबर में गुजरात की राजधानी गांधीनगर में क्वींसलैंड-गुजरात ऊर्जा गोलमेज बैठक हुई थी। मोदी ने कहा कि ऊर्जा दक्षता के लिए स्वच्छ ऊर्जा महत्त्वपूर्ण है जिसमें विशेष ध्यान सौर ऊर्जा पर हो। उन्होंने प्रांत में कोयला खनन में 16 अरब डालर के निवेश की मंजूरी देने के लिए भी क्वींसलैंड की प्रशंसा की। मोदी ने कहा-‘भारतीय निवेशक आपके साथ भागीदारी करने के इच्छुक हैं क्योंकि ज्यादातर भारतीय आपके राज्य के अविश्वसनीय सौंदर्य और आतिथ्य के मुरीद हैं।’

ऑस्ट्रेलिया के चार शहरों की यात्रा के तीसरे चरण में मोदी सिडनी से एअर इंडिया के विशेष विमान से करीब 30 मिनट की उड़ान के बाद सोमवार रात कैनबरा पहुंचे। यहां प्रोटोकॉल से हट कर डिफेंस एस्टेब्लिशमेंट फेयरबेम में विदेश मंत्री जूली बिशप ने मोदी की अगवानी की। यह राजीव गांधी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के 28 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की यात्रा को दिए जा रहे महत्त्व को झलकाता है।

मोदी और एबट ने सितंबर में दिल्ली में शिखर बैठक की थी और इस दौरान भारत व ऑस्ट्रेलिया ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु सौदे पर हस्ताक्षर किए थे जिससे भारत को यूरेनियम की आपूर्ति आसान हो जाएगी। ऑस्ट्रेलिया में विश्व का करीब 40 फीसद यूरेनियम भंडार है और वह सालाना करीब 7000 टन यूरेनियम का निर्यात करता है। भारत और आस्ट्रेलिया ने यूरेनियम बिक्री संबंधी वार्ता 2012 में शुरू की थी।

एबट के साथ बातचीत में मोदी व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा पर चर्चा करने के साथ आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आइएस) से मुकाबले पर भी चर्चा कर सकते हैं।

मोदी ने सिडनी में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलियाई पर्यटकों के लिए आगमन पर वीजा का एलान किया था।
इससे पहले ब्रिस्बेन से सिडनी पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का परंपरागत स्वागत किया। मोदी यहां भारतीय समुदाय की ओर से अपने सम्मान में आयोजित स्वागत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। वे सिडनी में छह घंटे रुके। यहां ऑलफोंस एरीना में बड़ी संख्या में आए भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के भरोसे देश नहीं चल सकता और चलना भी नहीं चाहिए। देश चलाने के लिए लोगों को पहल करने देना चाहिए और शासन को उसमें रूकावट नहीं बनना चाहिए। मोदी बोले-

‘मैं नहीं मानता कि सरकारें देश बनाती हैं। पहले लगता था कि सरकार देश बनाती है, लेकिन मैं मानता हूं कि सरकार देश नहीं बनाती और उसे बनाना भी नहीं चाहिए क्योंकि देश लोग बनाते हैं। हमें देश बनाने के लिए लोगों को मौका देना चाहिए, सरकार उसमें बाधा नहीं बने और रास्ते से हट जाए।’
लोगों के जीवन में सरकार के दखल को कम करने की दिशा में अपनी सरकार के उठाए कुछ कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने विधायक, सांसद या राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणपत्र सत्यापित कराने की व्यवस्था खत्म कर दी है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी, मैंने उसे खत्म कर दिया। क्योंकि अगर हम अपनों पर भरोसा नहीं करेंगे तो लोग हम पर भरोसा क्यों करेंगे।