प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के साथ शुक्रवार (13 मई) को बातचीत के दौरान मछुआरों के जटिल मुद्दों पर स्थाई समाधान की वकालत की। दोनों की बातचीत में व्यापार बढ़ाने के तरीकों समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर भी चर्चा की गई। मोदी ने सिरीसेना के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने सभी प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। इनमें खासतौर पर भारतीय मछुआरों के सामने आ रहीं समस्याएं, श्रीलंका में भारत द्वारा लागू की जा रहीं अनेक आर्थिक परियोजनाओं की स्थिति और व्यापार एवं निवेश और बढ़ाने के कदम शामिल हैं।
सिरीसेना दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (13 मई) यहां पहुंचे। वह शनिवार (14 मई) को सिंहस्थ महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए उज्जैन जाएंगे और मोदी इस यात्रा में उनके साथ जाएंगे। मोदी ने सिरीसेना के एक ट्वीट का जवाब देते हुए ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना का शुक्रिया। भारत और श्रीलंका के संबंध विशेष हैं और वे आगामी वर्षों में और मजबूत होंगे।’ सिरीसेना ने एक ट्वीट में कहा, ‘भारत एवं श्रीलंका की मित्रता विशेष है। नरेंद्र मोदी के साथ यह मजबूत हो रही है।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति सिरीसेना की उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत सभ्यतागत संबंधों को दर्शाती है।’ स्वरूप ने कहा कि मुलाकात में मोदी ने एक दूसरे के जलक्षेत्र में घुसने वाले मछुआरों के मुद्दे का स्थाई समाधान तलाशने और एक प्रणाली विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया।
मोदी ने श्रीलंका में सुलह को बढ़ावा देने के सिरीसेना के उन प्रयासों की भी सराहना की जो उन्होंने श्रीलंकाई समाज के सभी वर्गों को समानता देने और उन्हें सम्मान के साथ रहने का अधिकार देने के लिए किए हैं। स्वरूप ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की जिनमें खासतौर पर भारतीय मछुआरों के सामने आ रहीं समस्याएं, भारत द्वारा लागू की जा रही कई आर्थिक परियोजनाओं की स्थिति और व्यापार एवं निवेश और बढ़ाने के प्रयास शामिल हैं।’
उन्होंने कहा कि सिरीसेना ने विशेष रूप से अनेक विकास परियोजनाओं के लिए श्रीलंका को भारत की ओर से दी गयी सहायता के लिए मोदी की सराहना की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने दोनों विदेश मंत्रियों के नेतृत्व वाले भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की बैठक को सराहा, जो तीन साल के अंतराल के बाद मिले थे।’ श्रीलंकाई राष्ट्रपति मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में प्रसिद्ध सांची स्तूप का दौरा भी करेंगे। उसके बाद वह बेंगलुरु जाएंगे जहां से वह शाम में कोलंबो के लिए रवाना होंगे।

