गुरुवार (9 सितंबर) को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता की। संभवतः राष्ट्रपति के तौर पर ओबामा की पीएम मोदी से ये आखिरी आधिकारी मुलाकात हो। राष्ट्रपति के तौर पर ओबामा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में पूरा होने वाला है। शायद इसीलिए पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को रिटायर होने के बाद भारत आने का निमंत्रण दिया जिसके जवाब में ओबामा ने मजाक करते हुए कहा कि उन्हें और मिशेल ओबामा को अभी ताजमहल देखना है। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद पिछले दो सालों में दोनों नेताओं की ये आठवीं मुलाकात थी।

गुरुवार को हुई बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पीएम मोदी से एनएसजी में भारत की सदस्यता का ‘पुरजोर समर्थन’ करने की बात कही। दोनों नेताओं ने असैन्य परमाणु सहयोग और जलवायु परिवर्तन से लड़ने सहित सामरिक भागीदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के इतर ओबामा के साथ बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘भारत-अमेरिका संबंधों पर अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ विस्तार से चर्चा हुई।’ पिछले दो वर्षों में दोनों नेताओं की यह आठवीं मुलाकात है। बैठक का ब्यौरा देते हुए व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया, ‘अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती के मजबूत बंधन की पुष्टि करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का अमेरिका पुरजोर समर्थन करता है।’

बैठक के बाद ओबामा ने कहा कि वह भारत को हमेशा दोस्त के रूप में देखते हैं और ‘भारत के मजबूत सहयोगी बने रहेंगे और हर तरह से सहयोग करेंगे।’ दोनों नेताओं ने सामरिक सहयोग में त्वरित प्राथमिकताओं की समीक्षा की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने परमाणु ऊर्जा, सौर ऊर्जा और नवोन्मेष में भारत-अमेरिकी सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, ‘राष्ट्रपति ओबामा ने कई वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों का समाधान करने में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की।’

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लाओस में एशियन सम्मेलन में शामिल नेताओं के रात्रि भोज में पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा। (तस्वीर- REUTERS/Jonathan Ernst)