प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद व्यस्त कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय यात्रा के लिए बुधवार को बेल्जियम पहुंचे। यहां वह भारत-यूरोपीय संघ सम्मेलन में शिरकत करेंगे और अपने बेल्जियन समकक्ष चार्ल्स मिशेल के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। पिछले सप्ताह ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमलों को देखते हुए ऐसा तय माना जा रहा है कि इस सम्मेलन और द्विपक्षीय वार्ता दोनों में ही आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्मार्ट सिटीज’ जैसे प्रमुख क्षेत्रों में यूरोपीय संघ के साथ भारत की साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे। प्रधानमंत्री के बेल्जियम की राजधानी में पहुंचने के कुछ ही क्षण बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘सुबह-सुबह रेड कार्पेट स्वागत। ब्रसेल्स में पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।’ पीएम मोदी ने ब्रेसल्स पहुंचकर मालबीक मेट्रो स्टेशन बम बलास्ट पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच आतंकवाद रोधी साझेदारी को मजबूत करने के अलावा इस सम्मेलन से यह भी उम्मीद की जा रही है कि यह राइन और डेन्यूब नदियों की तर्ज पर गंगा स्वच्छता जैसी अन्य परियोजनाओं में भी दिलचस्पी जगाएगा। एक ब्लॉक के रूप में यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। इसके साथ होने वाला यह व्यापार 126 अरब डॉलर का है। यह भारत का सबसे बड़ा निर्यात स्थल भी है। वहां 65 अरब डॉलर का निर्यात किया जाता है। यह भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :69 अरब डॉलर: का सबसे बड़ा स्रोत है। यहां पहुंचने के कुछ ही समय बाद मोदी ने कई बैठकें करनी हैं। इनमें एक बैठक भारतीय उपमहाद्वीप का अध्ययन करने वाले विद्वानों के साथ होगी। उन्होंने यूरोपीय संसद और बेल्जियम की संसद के सदस्यों के साथ भी बैठक करनी है।
प्रधानमंत्री की यात्रा की पूर्व संध्या पर यूरोपीय संघ ने एक बयान में कहा था कि ब्रसेल्स में आयोजित हो रहा यह सम्मेलन संबंधों की एक नई शुरूआत का और व्यापार एवं निवेश, उर्च्च्जा, जलवायु, पानी और आव्रजन समेत साझा हितों के क्षेत्रों में ठोस प्रगति करने का अवसर होगा। यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘मेरी ब्रसेल्स यात्रा के प्रमुख एजेंडे में भारत-यूरोपीय संघ सम्मेलन और बेल्जियम के साथ मजबूत आर्थिक एवं निवेश संबंध होंगे।’
मोदी ने ब्रसेल्स के लोगों द्वारा भयावह बम हमलों के दौरान बरते गए ‘धैर्य और साहस’ की सराहना की और कहा कि भारत उनके साथ ‘कंधे से कंधा मिलाकर’ खड़ा है। मोदी गुरुवार को ब्रसेल्स से वाशिंगटन जाएंगे। वहां उन्हें 31 मार्च और एक अप्रैल को परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में शिरकत करनी है। वहां से वह दो दिवसीय यात्रा के तहत सउदी अरब जाएंगे। उनकी सउदी अरब यात्रा का प्रमुख उद्देश्य ऊर्जा एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना होगा।
मोदी की ब्रसेल्स यात्रा से कुछ ही दिन पहले 22 मार्च को यहां आतंकी हमला हुआ था, जिसमें एक भारतीय राघवेंद्रन गणेशन समेत कम से कम 32 लोग मारे गए। गणेशन बेंगलूरू से इंफोसिस के कर्मचारी थे। ब्रसेल्स में 13वां भारत-यूरोपीय संघ सम्मेलन चार साल के अंतर के बाद आयोजित किया जा रहा है। पिछला सम्मेलन वर्ष 2012 में नयी दिल्ली में आयोजित किया गया था और समझौते कई प्रमुख मुद्दों को लेकर गतिरोध में अटके रहे थे।