प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन की दुनिया के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों की लिस्ट के लिए संभावित दावेदारों में शामिल हैं। टाइम मैगजीन अगले महीने इसकी घोषणा करेगी, जिसमें प्रमुख कलाकार, नेता, सांसद, वैज्ञानिक, टेक्नोलोजी और बिजनेस जगत के लोग शामिल होते हैं। मैगजीन ने पाठकों से संभावित दावेदारों की सूची में शामिल लोगों के लिए वोट देने के लिए कहा है। हालांकि उसके संपादक इस सूची में शामिल होने वाले लोगों पर अंतिम फैसला लेंगे।

बता दें कि पीएम मोदी पिछले साल भी टाइम पत्रिका के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची के संभावित दावेदारों में शामिल हुए थे। वह साल 2015 में दुनिया के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों में से एक थे और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पत्रिका में उनके लिए प्रोफाइल लिखा था। पिछले साल तत्कालीन आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचई और भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के संस्थापक बिन्नी बंसल और सचिन बंसल टाइम की 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल थे।

इस साल संभावित दावेदारों में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनकी बेटी इवांका ट्रंप और उनके पति तथा वरिष्ठ वाइट हाउस सलाहकार जारेड कुश्नर, कैलिफोर्निया से सीनेटर कमला हैरिस, अभिनेता रिज अहमद, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, पोप फ्रांसिस और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो शामिल हैं। लिस्ट में संभावित दावेदारों में वाइट हाउस चीफ आॅफ स्टाफ रीन्स प्रीबस, अभिनेता अमी शूमर, यूट्यूब सीईओ सुजैन वोज्सिकी और ट्रंप के सलाहकार केलीन कॉनवे भी शामिल हैं।

आपको बता दें कि मैगजीन ने यह खिताब देने का सिलसिला 1927 से शुरू किया और अब तक की सूची में भारत से केवल एक ही नाम शामिल है। वह नाम है मोहनदास करमचंद गांधी। वह 1930 में टाइम पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किए गए थे। उन्‍हें नमक आंदोलन और दांडी मार्च के लिए चुना गया था। टाइम मैग्‍जीन उस वर्ष दुनिया को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करने वाली शख्‍सियत को पर्सन ऑफ द ईयर चुनता है। चाहे उसने नकारात्‍मक रूप से ही दुनिया पर अपना असर क्‍यों न छोड़ा हो। यही वजह है कि 1930 में अगर शांति और अहिंसा के पुजारी महात्‍मा गांधी को चुना गया तो 1938 में अडॉल्‍फ हिटलर को इस खिताब से नवाजा गया।