Pannun Assassination Plan Case: खालिस्तानी अलगाववादी और अमेरिकी मूल के नारगिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ एक्शन हुआ है और वे कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं।उन्होंने अपने खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों को पूरी तरह से मनगढ़ंत और साजिश बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका में काउंसिलर एक्सेस नहीं मिल रहा है।
निखिल गुप्ता के वकील ने प्राग की अदालत में तर्क दिया था कि अदालत को यह तय करना चाहिए कि क्या वे वास्तव में भारतीय गुप्तचर सेवा में काम करने वाले एजेंट थे। इसको लेकर पन्नू का कहना है कि उन्होंने या उनके वकील ने इस तरह की कोई दलील दी ही नहीं है, और ऐसे तर्कों को शामिल भी किया गया है तोयह संवैधानिक न्यायालय और अन्य अधिकारियों के बीच मिलीभगत है।
निखिल गुप्ता बोले- ‘सबकुछ राजनीतिक पैंतरेबाजी है’
निखिल गुप्ता का कहना है कि यह पूरा केस केवल गलत पहचान का मामला है। दूसरी ओर अमेरिकी अभियोग में कथित तौर पर आपके फोन नंबर से संदेश और वीडियो सबूत शामिल है, जिसमें वे बातचीत करते दिख रहे हैं। इन सबूतों को लेकर उनका कहना है कि सबकुछ मनगढ़ंत है। मैं ऐसे किसी व्यक्ति या एजेंट को नहीं जानता है। यह बड़े पैमाने पर बस एक पैंतरेबाजी का नतीजा है।
प्राग में भारतीय दूतावास के अधिकारियों से मुलाकात को लेकर कहा कि प्राग यानी चेक रिपब्लिक में मुझे तीन बार काउंसिलर एक्सिस मिला था। उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता है कि उनसे मिलने कौन आया था। उन्होंने कहा कि उन्हें जब से प्राग से अमेरिका लाया गया है, तब से कोई भी काउंसिलर एक्सेस नहीं मिला है। मेरे परिवार ने इसके लिए कई बार अनुरोध किया है, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया।
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सरकारी वकील को लेकर कही ये बात
अमेरिका में सरकारी वकील की मांग को लेकर निखिल गुप्ता ने कहा कि हमने सरकार द्वारा नियुक्त वकील का अनुरोध किया है क्योंकि हम निजी वकील को नियुक्त करने का जोखिम नहीं उठा सकते। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए पहले से ही एक अविश्वसनीय रूप से लंबी और थकाऊ कानूनी लड़ाई रही है, और इसने भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया है। हमारे पास जो भी धन था, वह चेक गणराज्य में केस लड़ने में खर्च हो गया।
निखिल ने कहा कि अदालत ने मुझे 30 अक्टूबर को एक वकील नियुक्त किया, लेकिन अपने स्वयं के शोध के बाद, मुझे पता चला कि मेरे लिए नियुक्त वकीलों में आपराधिक बचाव और इस तरह के मामलों में आवश्यक विशेषज्ञता और अनुभव की कमी है। पूरे सम्मान के साथ, उनमें से एक 20 अक्टूबर को मेरे मामले में नियुक्त होने से सिर्फ 10 दिन पहले संघीय बचावकर्ता बन गया। मैं वास्तव में अपने बचाव के लिए सबसे अच्छा वकील चाहता हूं, लेकिन मेरा परिवार और मैं इसे वहन नहीं कर सकते।
विकास यादव से संबंध होने के मामले में निखिल गुप्ता ने कहा कि वह बहुत ही आम नाम वाला व्यक्ति है। मैं ऐसे किसी व्यक्ति का नहीं जानता हूं। उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि कैसे उन्हें अमेरिका की जेल में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका से जुड़ी अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।