पाकिस्तान में नई सरकार के बनने के बाद यहां लोगों को अपनी सरकार से कई उम्मीदे हैं। पाकिस्तान में रहने वाले वैसे लोग जिनकी पत्नियां चीन की रहने वाली हैं और उइगर मुसलमान हैं वो इस वक्त चीन में क़ैद हो गई हैं। अब लोग देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ आस लगा कर देख रहे हैं कि उनकी सरकार बीजिंग से अपने कूटनीतिक प्रयासों के जरिए उनकी पत्नी और बच्चों को चीन से निकालने में कामयाब हो पाएगी।
दरअसल हाल ही में कुछ देशों की सरकारें और यूएन के मानवाधिकार संस्था ने अपनी अलग-अलग रिपोर्ट में खुलासा किया है कि चीन में बड़े पैमाने पर उइगर मुसलमानों की निगरानी की जा रही है। इन मुसलमानों पर कई सारी पाबंदियां लगाई गई हैं और चीनी सरकार इन मुसलमानों का ब्रेन वॉश कर रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के अलग-अलग हिस्सों में कैंप लगाकर सरकार मुसलमानों को चीन की सरकार की नीतियों और यहां के कानून का पाठ जबरदस्ती पढ़ा रही है। हालांकि खुद चीन इन सभी आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है।
पाकिस्तान के एक व्यापारी मिर्जा इमरान बेग इन दिनों बीजिंग दूतावास के चक्कर काट रहे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत के दौरान उन्होंने बतलाया कि उनकी पत्नी और बच्चे चीन के शिनझियांग प्रांत में फंस गए हैं। 40 साल के मिर्जा इमरान बेग का कहना है कि 33 साल की उनकी पत्नी मैलिकेमू मैमाती उइगर मुसलमान हैं और उनके चारों बच्चे भी चीन के ही रहने वाले हैं। लेकिन चीनी अथॉरिटी ने उनकी पत्नी और बच्चों के पासपोर्ट ले लिए हैं और अब देने से इनकार कर दिया है।
मिर्जा इमरान बेग का यह भी कहना है कि उनकी पत्नी और बच्चे को शिनझियांग में एक कैंप में ले जाकर उन्हें Re-Educated किया जा रहा है। इमरान लगातार बीजिंग की यात्रा कर रहे हैं और यहां दूतावास से संपर्क कर अपनों को वापस निकालने की कोशिश में जूटे हैं। उन्हें उम्मीद है कि पाकिस्तान की नई इमरान सरकार उनके घरवालों को लाने में जरूर उनकी मदद करेगी।
मियां शाहिद इलियास पाकिस्तान के लाहौर में ऐसे मामलों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। इलियास ने रॉयटर्स से बातचीत के दौरान कहा कि कई लोगों ने हमारी तरह शादी की है। यह कोई समस्या नहीं थी। लेकिन साल 2017 से चीन की सरकार ने कई उइगर मुसलमानों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी।
इलियास की पत्नी उइगर मुसलमान हैं और उन्हें चीन की नागरिकता मिली हुई है। इलियास ने कहा कि उनके पास ऐसे कुल 38 मामलों की जानकारी है। उन्होंने अंदाजा लगाते हुए कहा कि ऐसे करीब 300 मामले हैं जिसमें पाकिस्तानी पतियों की पत्नियां उइगर मुसलमान होने की वजह से चीन में ही फंस गई हैं।
इधर इस पूरे मामले पर बीजिंग का कहना है कि इस्लामिक आतंकवादियों से उसे गंभीर धमकियां मिली हैं। बीजिंग ने उइगर मुसलमानों पर नजर रखे जानें और उन्हें कैंपों में Re-Educated किये जाने की बात से साफ इनकार कर दिया है। बीजिंग के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंगे शुआंग से जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने इस मामले में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।