पाकिस्तानी नौसेना के पास चीन की नौसेना के 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में भेजने के लिए युद्धक पोत नहीं है। इस कार्यक्रम का आयोजन इस महीने 23 तारीख को होना है। इससे पहले चीन पाकिस्तान की तरफ से दो युद्धक विमानों के शामिल होने की उम्मीद कर रहा था।
पाकिस्तान की तरफ से अपने युद्धक पोत नहीं भेजने की औपचारिक घोषणा कर दी गई है लेकिन इसके पीछे कारण नहीं बताया गया है। वहीं, भारतीय नौसेना की तरफ से अरब सागर में भारी तैनाती को इसका कारण माना जा रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मुल्तान में पत्रकारों से कहा था कि भारत इस महीने के अंत तक पाकिस्तान पर हमले की योजना बना रहा है। हालांकि, भारत ने इस आशय की किसी भी तरह की खबर होने से इनकार किया था।
इससे पहले पुलवामा हमले के बाद भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा था कि वह इस क्षेत्र में युद्धक विमान वाहक, परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी और कई युद्धक पोत तैनात करेगा। इस मुद्दे पर चीन में पाकिस्तानी एंबेसी ने फोन और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया। इस बीच भारत की तरफ से उसके अग्रणी युद्धक पोत आईएनएस कोलकाता को भेजा गया है।
आईएनएस कोलकाता स्वदेशी निर्मित युद्धपोत है। इस युद्धक पोत के साथ फ्लीट टैंकर और आईएनएस शक्ति भी गया है। इन दोनों जहाजों पर करीब भारतीय नौसेना के 500 कर्मी भी हैं। रक्षा विभाग के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने पिछले महीने कहा था, ‘अब तक 60 से अधिक देशों ने अपने प्रतिनिधिमंडल के शामिल होने की पुष्टि कर दी है।’
साल 2014 के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय युद्ध पोत चीन गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की तरफ से आईएनएस कोलकाता को भेज कर भारत सहयोग के साथ ही प्रतियोगिता का भी संदेश देना चाहता है। पहली नजर में इसे नौसैनिक कूटनीति के रूप में देखा जा रहा है। पिछले सप्ताह जापान टाइम्स ने खबर दी थी कि अमेरिका इस कार्यक्रम में अपने युद्धपोत और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी नहीं भेजेगा।