पश्चिमोत्तर पाकिस्तान की एक प्रांतीय असेंबली में अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों ने एक विधायक की कथित हिंदू विरोधी टिप्पणियों के विरोध में सदन से बर्हिगमन कर दिया। खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय असेंबली के सदस्य शेर आजम वजीर ने पाकिस्तान में हिंदुओं और भारत के खिलाफ टिप्पणियां कीं जिन पर विधानसभा के एक अन्य सदस्य रवि कुमार ने आपत्ति जताई।
कुमार ने कहा कि भारत पाकिस्तान का शत्रु है लेकिन वह पाकिस्तान के हिंदू समुदाय को लेकर शत्रुतापूर्ण रूख नहीं रखता। वजीर ने बाद में अपने बयान पर माफी मांगी और स्पष्ट किया कि उनका अर्थ था कि भारत पाकिस्तान में हिंदू समुदाय का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का शत्रु है।
सदन के अध्यक्ष मुश्ताक गनी ने वजीर के बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया। खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय असेंबली में अल्पसंख्यक समुदाय के तीन सदस्य हैं। उल्लेखनीय है कि पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 14 फरवरी को हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
गौरतलब है कि बीते साल अप्रैल माह में रिपोर्ट आई थी जिसमें अल्पसंख्यकों की स्थिति बयां की गई थी, जिसमें बताया गया था कि यहां हर साल करीब 5000 हिंदू छोड़ देते हैं। खुद पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा था कि यहां कट्टरपंथी इस्लाम ने लोगों से आजादी छीनने का हर संभव तरीका अपना लिया है।
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ बहुत भेदभाव बरता जाता है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को वहां की सेना से भी खतरा है। बताया जाता है कि पाकिस्तान की सेना अपने देश की ‘धार्मिक शुद्धता’ के लिए अल्पसंख्यकों को जिहादियों से मरवा रही है। इस बात का दावा खुद एक पाकिस्तानी एक्टिविस्ट नदीम नुसरत ने पिछेल ही महीने किया था। नुसरत ने ये भी कहा था कि वहां एक्टिविस्ट्स भी सुरक्षित नहीं हैं।