पाकिस्तान की एक अदालत ने वहां के वरिष्ठ पत्रकार सिरिल अलमिदा की गिरफ्तारी के आदेश दिये हैं। सिरिल अलमिदा पर संवेदनशील सूचनाओं को लीक करने का आरोप है। सिरिल के एक लेख पर पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान काफी गुस्से में था। सोमवार को लाहौर हाई कोर्ट ने सिरिल के खिलाफ एक गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। सिरिल अलमिदा पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार अंग्रेजी अखबार द डॉन के रिपोर्टर हैं। अदालत ने सिरिल का नाम नो फ्लाई लिस्ट में डालने को कहा है। इसका मतलब ये है कि वे देश छोड़कर नहीं डा सकते हैं। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग को इस केस में याचिका दायर करने वाले शख्स अज़हर सिद्दीकी ने बताया कि अदालत में हाजिर नहीं होने पर सिरिल का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाला गया।
Spoke to the lawyer, there is a warrant, am back on the ECL and will have to appear before the court on Oct 8… how’s your Monday been?
— cyril almeida (@cyalm) September 24, 2018
अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद सिरिल अलमिदा ने ट्वीट किया, “वकील से बात की है, मेरे खिलाफ एक वारंट है, मुझे फिर से ईसीएल में डाल दिया गया है, 8 अक्टूबर को कोर्ट के सामने हाजिर होना होगा…आपका सोमवार कैसा गुजर रहा है” बता दें कि लाहौर हाई कोर्ट ने नवाज शरीफ और पाकिस्तान के पूर्व पीएम शाहिद खाकन अब्बासी को भी इसी दिन कोर्ट में हाजिर होने को कहा है। बता दें कि 2016 में अपनी एक स्टोरी में सिरिल अलमिदा ने नवाज शरीफ की पार्टी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के चीफ के बीच टकरावों पर रिपोर्ट लिखी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना कथित रूप से देश में पैर जमा चुके आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने में गुरेज कर रही थी।”
पाक आर्मी ने सिरिल की उस स्टोरी को भी खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने इसी साल मई महीने में शरीफ का इंटरव्यू लिया था। इस इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना पर आरोप लगाया था कि उन्हें एक साल पहले सत्ता से हटाने की साजिश चल रही थी। इस इंटरव्यू में शरीफ ने मुबंई हमलों का भी जिक्र किया था। शरीफ ने इस इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं और ‘‘राज्येतर तत्वों’’ को सीमा पार करने और मुंबई में लोगों की ‘‘हत्या’’ करने की अनुमति दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे।