पाकिस्तान में सैन्य अधिकारियों के तानाशाह बनने या करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर लेने के वाकये कोई नए नहीं हैं। हाल ही में इसमें एक और नाम जुड़ने का खुलासा हुआ है। यह है देश के एक पूर्व सैन्य अधिकारी और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के अध्यक्ष बनाए गए जनरल असीम सलीम बाजवा का। पाकिस्तान के एक पत्रकार ने हाल ही में बाजवा से जुड़े भ्रष्टाचारों का खुलासा किया है। इसमें सामने आया है कि जैसे-जैसे बाजवा का सेना में कद बढ़ा, वैसे ही उनकी संपत्ति में भी कई गुना का इजाफा होता चला गया। अब आरोप लगने के बाद बाजवा ने अपने पद से इस्तीफा तो दे दिया है, लेकिन इमरान खान सरकार ने इसे मंजूर नहीं किया।
कौन हैं जनरल असीम समीम बाजवा?
असीम बाजवा पाकिस्तानी सेना में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। वे सदर्न कमांड के कमांडर भी रहे हैं। इसके अलावा वो जनरल हेडक्वार्टर में जनरल आर्म्स इंस्पेक्टर और सेना की इंटर-सर्विसेस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) में डायरेक्टर जनरल के पद पर भी रह चुके हैं। बाजवा को प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी कहा जाता है।
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट फैक्ट फोकस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाजवा ने सेना में अहम पदों पर रहते हुए बेतहाशा कमाई की। इसके बाद सीपीईसी के चेयरमैन बनने के बाद भी भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता जारी रही, जिससे उन्होंने अपने परिवारवालों को ढेरों फायदे पहुंचाए। रिपोर्ट के मुताबिक, बाजवा के भाई, पत्नी और बेटों का भरा-पूरा व्यापारिक साम्राज्य है, जिसमें 4 देशों में 99 कंपनियां हैं। इसमें एक पिज्जा फ्रैंचाइजी कंपनी भी शामिल है, जिसके 133 आउटलेट हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बाजवा परिवार की इन 99 कंपनियों में 66 मेन कंपनियां हैं, जबकि 33 कंपनियां किसी अन्य कंपनी के ब्रांच ऑफिस हैं। इसके अलावा परिवार की पांच कंपनियां अब बंद भी पड़ चुकी हैं। कहा गया है कि बाजवा के परिवार ने इन कंपनियों के लिए अनुमानित 5.20 करोड़ डॉलर (करीब 400 करोड़ रुपए) खर्च किए। इसके अलावा उनके परिवार की अमेरिका में दो प्रॉपर्टी भी हैं, जिनके लिए 1.45 करोड़ डॉलर (करीब 106 करोड़ रुपए) खर्च किए गए। यानी जहां एक तरफ असीम बाजवा और उनका विभाग पाकिस्तानियों से देश में निवेश करने की अपील कर रहा था, वहीं खुद बाजवा का परिवार दूसरे देशों में प्रॉपर्टी और बिजनेस में निवेश कर रहा था।
चार सालों में 1.17 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ी सीपीईसी प्रोजेक्ट की कीमत
चीन अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना के तहत पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है। हालांकि, पाक मीडिया को यह प्रोजेक्ट अब अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है। इस प्रोजेक्ट का मकसद एशिया, यूरोप और अफ्रीका को सड़क, रेल और समुद्री रास्ते से जोड़ना है। सीपीईसी चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ता है। 2013 में प्रोजेक्ट की शुरुआत के दौरान इसकी लागत 46 अरब डॉलर (करीब 3.37 लाख करोड़ रुपए) आंकी गई थी, लेकिन 2017 में इसकी लागत बढ़कर 62 अरब डॉलर (4.5 लाख करोड़ रुपए) हो गई। यानी चार साल में ही प्रोजेक्ट की कीमत 1.17 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ गई है।
