पाकिस्तान ने वैश्विक रूप से कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए एक ‘एक साध्य एवं सतत’ नीति बनाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘अतिवादी नीतियों’ का विरोध करने वाले भारतीयो से संपर्क कर रहा है। मीडिया में आई एक खबर में आज यह जानकारी दी गई। ‘डान’ अखबार के अनुसार, विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कल सीनेट में इस कदम की घोषणा की। समिति में रक्षा, गृह एवं सूचना मंत्रालयों, सैन्य अभियान निदेशालय, आईएसआई और खुफिया ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। नीति दिशानिर्देश लागू करने की स्थिति पर अजीज ने कहा कि समिति का नेतृत्व विदेश सचिव एजाज चौधरी करेंगे और जरूरत पड़ने पर अन्य सदस्यों का सहयोग ले सकते हैं।

अजीज ने कहा कि सूचना सचिव के नेतृत्व में एक अन्य समिति ‘कश्मीर के स्वतंत्रता संघर्ष को निरंतर दर्शाने के लिए मीडिया रणनीति बनाने और भारत के प्रचार अभियान का जवाब देने के लिए’ तथ्य दस्तावेज तैयार करने के लिए बनाई गई है। इस समिति में रक्षा, विदेश एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के प्रतिनिधि तथा सैन्य अभियान निदेशालय, आईएसआई और आईबी के सदस्य शामिल हैं। अजीज ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से सोशल मीडिया के जरिये कश्मीर मु्द्दे को दर्शाने के लिए विस्तृत रणनीति तैयार करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि मोदी की अतिवादी नीतियों का विरोध करने वाली भारतीय जनता के धड़े से संपर्क करने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने टिप्पणी की, ‘नई दिल्ली सहित हमारे विदेश के मिशन अतिवादी भारतीय नीतियों पर जोर देने के लिए संपर्क के प्रयास कर रहे हैं।’ क्षेत्र में पाकिस्तान को अलग थलग करने के भारत के प्रयासों का जवाब देने के लिए उपायों पर बात करते हुए अजीज ने कहा कि पकिस्तान क्षेत्रीय सहयोगियों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संपर्क करने का पूरा प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के सभी प्रयासों का समर्थक रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए यह प्रतिबद्धता अमृतसर में ‘हार्ट आफ एशिया मिनिस्टेरियल कांफ्रेंस’ में भाग लेने के फैसले से साबित होती है जबकि भारत के कारण इस्लामाबाद में दक्षेस सम्मेलन स्थगित हुआ।