पाकिस्तान की सरकार कंगाली के दौर से गुजर रही है। आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि सरकार को खर्च कम करने के लिए नौकरियां खत्म करनी पड़ रही हैं। अपने मंत्रालयों का खर्च कम करने के लिए शहबाज सरकार ने 6 मंत्रालयों को ही भंग कर दिया है। इसके साथ ही दो मंत्रालयों का विलय भी किया गया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पिछले दिनों ही पाकिस्तान का आईएमएफ ने 7 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर किया है। इसकी पहली किस्त जारी भी हो चुकी है।

1.5 लाख नौकरियां की खत्म

पाकिस्तान की सरकार ने 1.5 लाख नौकरियां खत्म कर दी हैं। खर्च में कटौती करने के लिए सरकार ने इन नौकरियों को खत्म कर दिया है। आईएमएफ से 7 अरब डॉलर की लोन डील के तहत पाकिस्तान सरकार ने ये कदम उठाए हैं। देश की आवाम पहले से ही पैसों की तंगी से गुजर रही थी। उसके बाद नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए ये ऐलान उनकी समस्या को बढ़ाने वाली है। पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा कि आईएमएफ के साथ एक कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है, जो पाकिस्तान के लिए आखिरी लोन कार्यक्रम होगा। पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने बताया कि एक साल में टैक्स देने वालों की संख्या दोगुने से ज्यादा बढ़ी है और पिछले साल के 3 लाख के मुकाबले इस साल अब तक 7.32 लाख नए करदाता पंजीकृत हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स न भरने वाले लोग अब संपत्ति या वाहन नहीं खरीद सकेंगे।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब की ओर से नौकरियां खत्म करने की घोषणा भी कर दी गई है। औरंगजेब के मुताबिक आईएमएफ से 7 अरब डॉलर का लोन मिलने जा रहा है। इसी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। आईएमएफ ने 26 सितंबर को पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी। इसकी पहली किस्त 1 अरब डॉलर जारी भी कर दिए गए हैं। बता दें कि आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को आदेश दिया गया है कि वह अपने खर्च घटाएं, टैक्स में इजाफा करे, कृषि और रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों में पर भी टैक्स लगाया जाए। इसके अलावा सब्सिडी खत्म की जाए और कुछ योजनाओं को भी सीमित किया जाए।

आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान पिछले काफी समय से आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है। पिछले कुछ सालों में यह अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है। पाकिस्तान पिछले कई साल से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। साल 2023 में यह दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया था, लेकिन आईएमएफ से सही समय पर मिले 3 अरब डॉलर के कर्ज ने उसे बचा लिया। अब पाकिस्तान ने एक बार फिर आईएमएफ से मदद मांगी है।