पाकिस्तान में दो हिंदू बहनों को अगवा करने और उनका जबरन इस्लाम में धर्मांतरण करने पर भारत की विदेश मंत्री के एक ट्वीट से इमरान खान की सरकार में हलचल बढ़ गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने एक ट्वीट के जरिए पाकिस्तना स्थित दूतावास से इस संदर्भ में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। जिसके बाद पाक मंत्री फवाद चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत उनके देश के आंतरिक मसले में न पड़े। फवाद की प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि उनका जवाब दर्शा रहा है कि उनके भीतर किस तरह की घबराहट है।

सुषमा स्वराज ने कहा, “मैंने इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजदूत से नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण पर रिपोर्ट मांगी थी। यह आपकी घबराहट को बढ़ाने के लिए काफी है। यह आपके अपराधबोध को दर्शाता है।”

इससे पहले सुषमा स्वराज के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि सिंध प्रांत में लड़कियों के अपहरण मामले में दखल देने से भारतीय विदेश मंत्री को बचना चाहिए। यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इमरान खान की सरकार अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है। फवाद ने उल्टा मोदी सरकार पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का आरोप लगाया।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सिंध प्रांत में दो हिंदू बहनों रीना (14) और रवीना (16) का अपहरण कर लिया गया और उनका जबरन धर्मांतरण करा दिया गया। इस मामले में एक वीडियों भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उनका पिता एक पुलिस स्टेशन के बाहर अपनी बच्चियों को वापस हासिल करने के लिए बिलख रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को इस संदर्भ में पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार उस्मान बजदर से बात की और मामले में संज्ञान लेने के लिए कहा। हिंदू लड़कियों का गांव सिंध और पंजाब प्रांत के बॉर्डर पर स्थित घोटकी जिला में स्थित है। इमरान खान ने सिंध और पंजाब दोनों सरकारों को निर्देश दिया है कि लड़कियों को ढूंढ निकाला जाए और मामले की जांच की जाए।