जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अगले महीने जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप मीटिंग आयोजित कराने के फैसले पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय ग्रुप के सदस्य होने का दुरुपयोग कर रहा है। इसके पीछे उसका अपना एजेंडा चलाने का इरादा है। बैठक 22-24 मई, 2023 को होगी।

कहा यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है

मंगलवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “भारत का गैर-जिम्मेदाराना कदम जम्मू-कश्मीर पर अपने अवैध कब्जे को बनाए रखने के उपायों के तहत है। यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांत की सरासर अवहेलना है। पाकिस्तान इन कदमों की कड़ी निंदा करता है।

बोला- भारत कश्मीर के विवादित क्षेत्र होने की बात नहीं छिपा सकता

इन बैठकों के अलावा पाकिस्तान ने दो अन्य बैठकों के आयोजित होने पर भी आपत्ति जताई है। ये बैठक लेह और श्रीनगर में होने हैं। पाकिस्तान ने इसे समान रूप से चिंताजनक बताया है। पाकिस्तान ने कहा ऐसे इवेंट्स इस सच्चाई को नहीं छिपा सकते है कि जम्मू और कश्मीर अंतरराष्ट्रीय विवादित क्षेत्र हैं और पिछले सात दशकों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के एजेंडे में है। जी20 टूरिज्म ट्रैक मीटिंग पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय इवेंट है जो धारा 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में आयोजित हो रही है।

जी20 सदस्यों में अर्जेंटिना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, मैक्सिको, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं। इसके अलावा इस बार भारत की ओर से बांग्लादेश, मिस्र, मारीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है।

इन देशों के प्रतिनिधियों के अलावा श्रीनगर की बैठक में वे लोग भी शामिल होंगे जो यूएनडबल्यूटीओ (UNWTO) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पाकिस्तान ने कहा कि कश्मीर में जी-20 कार्यक्रमों की मेजबानी करने के अपने फैसले के साथ, भारत फिर से अपने स्वार्थी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समूह की सदस्यता का फायदा उठा रहा है। बयान में कहा गया है, “ऐसे देश के लिए जिसके पास अपने बारे में और दुनिया में अपनी जगह के बारे में एक भव्य दृष्टि है, भारत ने एक बार फिर यह प्रदर्शित किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में कार्य करने में असमर्थ है।”