इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार (4 जुलाई) को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ तोशाखाना मामले को अस्वीकार्य घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्व प्रधान मंत्री द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया है। ट्रायल कोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा दायर आपराधिक मामले को स्वीकार्य घोषित किया था।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने तोशाखाना मामले की जांच के सिलसिले में इमरान खान को तलब किया था। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष को राज्य के सभी तोहफों का रिकॉर्ड लाने के लिए कहा गया है। एनएबी के नोटिस के मुताबिक, इमरान खान को तोशाखाना से 108 तोहफे मिले हैं।
‘सरकार मुझे जेल में डालना चाहती है’
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बयान देते हुए कहा है कि सरकार मुझे जेल में डालने की पूरी कोशिश में है। मैं चाहता हूं कि देश को पता चले कि कैसे झूठे और आधारहीन मामलों के आधार पर मुझे गिरफ्तार करने की योजना बनाई गई है. क्वेटा में एक वकील की हत्या कर दी जाती है और बिना किसी जांच और सबूत के। शाहबाज़ शरीफ़ के सलाहकार उसी दिन टीवी पर आते हैं और कहते हैं कि हत्या इमरान खान ने की थी और बाद में उसी वकील की विधवा के वीडियो में दिखाया गया कि यह किसने किया।
क्या है तोशाखाना मामला?
चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान अलग-अलग देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरानखान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था, बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।