Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान को तोशाखाना मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। इमरान खान को सड़क के रास्ते अटक जेल में बंद किया गया है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि इमरान खान को सभी सुख सुविधा से लैस अदियाला जेल में रखा जाएगा। लेकिन यह अटकलें गलत साबित हुई। अटक जेल में कोई वीआईपी सुविधा नहीं है। यहां ए और बी श्रेणी के बैरेक मौजूद नहीं हैं। यहां केवल सी श्रेणी के बैरेक मौजूद हैं। अटक जेल में इमरान खान को आम कैदियों की तरह रहना पड़ेगा। हालांकि पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक अटक जेल में इमरान खान के लिए वीवीआईपी सेल तैयार किया गया है। इस वीवीआईपी सेल में इमरान खान को केवल एक पंखा और बिस्तर दिया गया है।

जेल के बाहर कड़ा सुरक्षा पहरा

इमरान खान को अटक की जेल में रखा गया है जो कि एक हाई सिक्योरिटी जेल है। जेल के अंदर ही नहीं, जेल के बाहर भी कड़ा पहरा है। पुलिस के जवान जेल के चारों तरफ पहरा दे रहे हैं। जेल जाने के रास्ते पर भी बैरिकेड लगाए गए हैं ताकि इमरान खान के समर्थक जेल के करीब भी न फटक सकें। तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अब इमरान खान अगले पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

क्या है तोशाखाना मामला?

इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। विदेशी आधिकारिक यात्राओं के दौरान इमरान खान को 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहार को तोशाखाना में जमा किया गया था। इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने उपहार को तोशाखाना से सस्ते दाम पर खरीद लिया था और बाजार में इन उपहारों को महंगे दाम पर बेचकर लाभ कमाया था। पाकिस्तानी कानून के अनुसार अगर विदेश के किसी देश से गणमान्य वयक्ति को अगर कोई उपहार मिलता है तो उस उपहार को स्टेट डिपॉजिटरी में रखा जाता है जिसे तोशाखाना भी कहते है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसे उपहार के मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होता है। उपहार का मूल्य नीलामी के जरिए तय किया जाता है। उपहार या तो तोशखाना में जमा किया जाता है या तो नीलामी के जरिये अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

अंग्रेजों ने बनवाया था अटक जेल

बता दें कि अंग्रेजों ने साल 1905-06 के दौरान अटक जेल का निर्माण करवाया था। यह जेल 67 एकड़ में फैला हुआ है। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान इस जेल में विद्रोही लोगों को बंदी बनाकर रखा जाता था। यह जेल सिंधु नदी के किनारे बनी है। पाकिस्तानी सरकार के रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जेल में 539 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन अभी यहां 804 कैदी रखे गए हैं। इमरान खान से पहले अटक जेल में पाकिस्तान के कई नेताओं को रखा जा चुका है। साल 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी इसी जेल में रखा गया था। इसे नवाज शरीफ का बदला माना जा रहा है।