उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान जिले में शुक्रवार रात एक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर आतंकियों ने हमला कर दिया, जिसमें कम से कम सात पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई और छह आतंकवादी ढेर हो गए। हमले के बाद लगभग छह घंटे तक परिसर में गोलीबारी और विस्फोट का सिलसिला जारी रहा।
हमला रत्ता कुलाची क्षेत्र में स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, हमलावरों ने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और एक आत्मघाती हमलावर द्वारा विस्फोटकों से भरे ट्रक को मुख्य गेट पर टक्कर मारकर परिसर में घुसने की कोशिश की। शुरुआती धमाके से ही परिसर में डर और अफरा-तफरी मच गई।
डेरा इस्माइल खान के पुलिस प्रमुख सज्जाद अहमद ने बताया, “शुरुआती विस्फोट के बाद हमलावरों ने प्रशिक्षण केंद्र में प्रवेश कर लिया, जहां करीब 200 रिक्रूट और उनके प्रशिक्षक मौजूद थे।” इसके बाद पुलिस और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी शुरू हो गई।
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमलावरों की बड़ी साजिश को नाकाम किया। विस्फोटक ट्रक के कारण मुख्य द्वार और चारदीवारी का हिस्सा ध्वस्त हो गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी शहीद हुआ। कुछ ही मिनटों में वर्दीधारी आतंकवादी परिसर में घुस आए और स्वचालित हथियारों व ग्रेनेड से सुरक्षा बलों पर हमला किया।
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बाद में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने स्थिति को काबू में कर लिया। इस कार्रवाई में छह आतंकवादी मारे गए और उनके पास से आत्मघाती जैकेट, हथियार, विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद हुआ। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने मृत अधिकारियों की बहादुरी और बलिदान की सराहना की।
शुरू में प्रतिबंधित समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में उसने इससे इनकार किया। यह समूह अफगान तालिबान से जुड़ा है, लेकिन उससे स्वतंत्र है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि 2021 के बाद से देश में आतंकवाद में वृद्धि हुई है, खासकर खैबर पख्तूनख्वा में, जो अफगान सीमा से सटा हुआ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने पिछले वर्षों में हजारों आतंकवाद-रोधी अभियान चलाए, जिनमें 970 आतंकवादी मारे गए, जबकि 311 सैनिक और 73 पुलिसकर्मी शहीद हुए। यह हमला पाकिस्तान की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को उजागर करता है और उस क्षेत्र में आतंकवाद के लगातार खतरे को बताता है।