पाकिस्तान में इन दिनों बढ़ती महंगाई से जनता पूरी तरह त्रस्त है। अभी तक लोगों की जेबें खाली हो रही थी, अब इमरान खान की सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। अनियंत्रित महंगाई को लेकर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ले आया है। हालांकि इमरान खान का भरोसा अपनी आर्मी पर बना हुआ है। उन्होंने कहा है कि आर्मी उनका साथ कभी नहीं छोड़ेगी।

पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उनकी सरकार को अनियंत्रित मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की गई है। पीएमएल-एन के प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके बाद प्रस्ताव को नेशनल असेंबली सचिवालय को सौंपा दिया गया है।

नियमों के अनुसार, स्पीकर को एक सत्र बुलाने के लिए मजबूर करने के लिए संसद के कम से कम 68 सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। अब अविश्वास प्रस्ताव पर वोट करने के लिए तीन से सात दिनों के बीच बुलाना पडे़गा। 342 सांसदों वाले संसद में, विपक्ष को प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को हटाने के लिए 172 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी।

ऐसे में इमरान खान जिस गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, उसमें से यदि कुछ दल महंगाई के नाम पर बिदके तो उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा सकता है। वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान खान ने कहा कि देश की शक्तिशाली सेना उनके साथ है और उन्हें विश्वास है कि सरकार कहीं नहीं जा रही है।

उन्होंने कहा- “सेना मेरे साथ खड़ी है, यह चोरों (…) का कभी समर्थन नहीं करेगी और चूंकि लोग अब विपक्ष का समर्थन नहीं कर रहे हैं, इसलिए वे दावा कर रहे हैं कि संस्थान उनका समर्थन कर रहे हैं।”

इमरान खान ने यह भी आरोप लगाया कि उनके सांसदों को 180 मिलियन रुपये देने का प्रलोभन भी दिया गया है, यदि वे अविश्वास प्रस्ताव को सपोर्ट करते हैं तो उन्हें ये रकम मिलेगी। खान ने कहा- “मैंने अपने सांसदों से पैसे लेकर गरीबों में बांट देने के लिए कहा है”।

वहीं विपक्षी दल इमरान खान की सरकार को अनियंत्रित मुद्रास्फीति के लिए दोषी ठहराते रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि महंगाई ने देश के गरीब लोगों की कमर तोड़ दी है।