पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सुरक्षा बलों और पीटीआई प्रदर्शनकारियों के बीच चल रही झड़प बुधवार सुबह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और समर्थकों के रेड जोन से जल्दबाजी में पीछे हटने के साथ समाप्त हो गई। तीन दिनों के विरोध प्रदर्शन में कम से कम छह लोगों की जान चली गई, जिसमें एक पुलिसकर्मी और तीन रेंजर्स अधिकारी शामिल थे।
Dawn की खबर के अनुसार, बुशरा बीबी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर सहित पीटीआई नेतृत्व की देर रात की वापसी तब हुई जब उन्हें प्रदर्शनकारियों को ‘घर जाने, रात का खाना खाने और कल वापस आने’ के लिए कहते हुए सुना गया। सूत्रों ने कहा कि सीएम बुशरा बीबी और अन्य नेताओं के साथ देर रात विरोध प्रदर्शन से चले गए और फिलहाल वह दोनों कहां हैं इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, सूचना मंत्री अता तरार ने दावा किया कि वो दोनों हरिपुर के रास्ते खैबर पख्तूनख्वा वापस आ गए हैं।
बुधवार रात लगभग 1:30 बजे एक संवाददाता सम्मेलन में, आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने पुष्टि की कि दोनों प्रदर्शनकारी नेता रेड ज़ोन से भाग गए लेकिन उन्होंने उनके ठिकाने या गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
सूचना मंत्री का दावा पीटीआई ने संसद पर हमला करने की योजना बनाई थी
जिन्ना एवेन्यू और आस-पास के सेक्टरों में स्ट्रीट लाइटें भी बंद कर दी गईं और सड़क के दोनों ओर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। तितर-बितर हुए प्रदर्शनकारी फैसल एवेन्यू और आस-पास के इलाकों की ओर चले गए। रेड जोन को खाली कराने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सूचना मंत्री अता तरार ने आरोप लगाया कि पीटीआई ने संसद पर भी हमला करने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा, ”यही कारण है कि उन्होंने मुख्य कंटेनर में आग लगा दी,” उनका उद्देश्य कथित हमले का विवरण देने वाले ‘दस्तावेजों को नष्ट करना’ था।
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इससे पहले मंगलवार को, पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी ने प्रदर्शनकारियों को डी-चौक से कुछ मीटर की दूरी पर एक्सप्रेस चौक से वापस खदेड़ने के लिए रात 8 बजे के बाद एक बड़ा अभियान शुरू किया, जहां पीटीआई ने विरोध प्रदर्शन करने का इरादा किया था।
इमरान खान के समर्थकों की पुलिस से हुई झड़पों में 6 सुरक्षाकर्मी मारे गये
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों की मंगलवार को पुलिस से हुई झड़पों में छह सुरक्षाकर्मी मारे गये और कई अन्य घायल हो गये। खान को जेल से रिहा किये जाने की मांग को लेकर उनके समर्थक राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गये। इससे पहले टीवी चैनलों की फुटेज में खान के समर्थक डी-चौक की ओर जाने वाली सड़कों पर रखे शिपिंग कंटेनरों पर चढ़ते हुए दिखाई दिए थे।
खान की पत्नी बुशरा बीबी ने पार्टी समर्थकों से कहा था, ‘‘वादा करो कि जब तक खान हमारे साथ नहीं आ जाते, तब तक आप लोग डी-चौक नहीं छोड़ोगे।’’ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में हैं। उन्होंने 24 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया था।
इस बीच, इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख अली नासिर रिजवी ने उपद्रवियों को इस्लामाबाद से बाहर निकालने का वादा करते हुए कहा कि वह ‘पीटीआई’ के समर्थकों को राजधानी में रैलियां या धरना देने से रोकने के इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश का कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी उपद्रवी के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसी कानून के अनुरूप कार्रवाई करेगी।
उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश
प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे जाने की खबरों के बीच, पार्टी अध्यक्ष गौहर अली खान ने संघीय सरकार से ‘‘निर्दोष लोगों पर गोली नहीं चलाने’’ का आह्वान किया है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी संघर्ष में शांतिपूर्ण बने रहने का आग्रह किया। इस हिंसा के बाद सरकार ने मंगलवार को राजधानी में सेना तैनात करने के साथ ही उन्हें आदेश दिए गए हैं कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मार दी जाए। आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने यह भी कहा था कि सरकार ने पीटीआई नेताओं को हर तरह से मनाने की कोशिश की लेकिन वे राजधानी की ओर बढ़ गए।
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