पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑपरेशन अज़्म-ए-इस्तेहकाम (स्थिरता के संकल्प) शुरू किया है। कहा जा रहा है पाकिस्तान सरकार ने यह कदम चरमपंथ के खिलाफ शुरू किया है। जिसे शुरू करते हुए पीएम शरीफ ने कहा कि देश किसी भी तरह चरमपंथ को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
पाकिस्तान सरकार का यह कदम चीन की ओर से जारी सख्त बयान के बाद सामने आया है। चीन ने बढ़ते सुरक्षा और राजनीतिक संकटों के बीच पाकिस्तान को एक अल्टीमेटम जारी किया था, जिसके बाद पाकिस्तान की राजनीति में हलचल शुरू हो गई।
क्या है मामला?
चीनी मंत्री लियू जियान चाओ ने पाकिस्तानी नेताओं से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को खतरे में डालने वाली सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए कहा था। चीन का यह बयान चीनी नागरिकों पर हाल ही में हुए हमलों और बढ़ती अस्थिरता के रहते भी सामने आया था। जिसके बाद शाहबाज सरकार ने बड़े कदम उठाने का फैसला किया है।
क्या है ऑपरेशन अज़्म-ए-इस्तेहकाम?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने एक बैठक के दौरान कहा कि देश की सुरक्षा केवल सेना की ज़िम्मेदारी नहीं है हमारे राज्यों को भी इसमें मुख्य भूमिका निभानी चाहिए।
बैठक में यह भी घोषणा की गई कि देश में चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एसओपी बनाई जाए और चरमपंथ को खत्म करने के लिए एक नए ओपरेश अज़्म-ए-इस्तेहकाम को शुरू किया जाए। यह सब चीन के मंत्री लियो जियान चाओ के बाद सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान और चीन के बीच समझौतों काफी डवलपमेंट होगा लेकिन इसके लिए पाकिस्तान के भीतर स्थिरता रहना जरूरी है।
इस दौरान चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपेक) का भी जिक्र हुआ। जिसके बारे में चीन की ओर से कहा गया कि सीपेक की सुरक्षा में काफी रुकावटें हैं। जिन्हें ठीक किया जाए। चीन की इस टिप्पणी के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान चरमपंथ को मिटाने के लिए खास कदम उठाएगा और ओपरेशन अज़्म-ए-इस्तेहकाम इसके लिए एक पहल है।
पाकिस्तान इस खतरे से अवगत है कि अब चीन वहीं दिलचस्पी दिखाएगा जहां सुरक्षा मजबूत होगी, ऐसे में पाकिस्तान अपनी आंतरिक सुरक्षा को बेहतर करने की ओर कदम बढ़ाएगा। ऐसा पाकिस्तान की ओर से कहा गया है।