पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के को-चेयरपर्सन आसिफ अली जरदारी को बड़ा झटका लगा है। सोमवार (10 जून, 2019) को फर्जी बैंक खाता मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (नैब) की टीम ने जरदारी को फर्जी बैंक मामले को लेकर दबोचा है, जबकि उनकी बहन फरयाल तालपुर फिलहाल नहीं पकड़ी गई हैं।
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति के साथ उनकी बहन ने इस मामले में अंतरिम जमानत की समयावधि बढ़ाने के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, पर जस्टिस आमिर फारूख और मोहसिन अख्तर कयानी की बेंच ने इसे खारिज कर दिया। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने नैब अधिकारियों को जरदारी व तालपुर को गिरफ्तार करने के लिए हरी झंडी दी। हालांकि, इन दोनों के पास अब सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने का विकल्प है।
हाईकोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटों बाद जरदारी के एफ-8 सेक्टर स्थित आवास पर नैब अधिकारी पहुंचे, जिन्होंने उन्हें गिरफ्तार किया। टीम उन्हें नैब के रावलपिंडी स्थित दफ्तर लेकर गई है, जहां सबसे पहले उनका मेडिकल चेकअप होगा। घटना के दौरान भारी संख्या में पुलिसकर्मी और नैब अधिकारी उनके घर पहुंचे थे, जबकि उस दौरान आसपास के सभी रूट्स को पुलिस ने बंद कर दिया था, ताकि गिरफ्तारी में किसी प्रकार की बाधा न आए।
फर्जी बैंक खाता केस की जांच कर रहे नैब ने रविवार (नौ जून) को इन दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरन्ट जारी किया था। यह मामला धन रखने और धन को पाकिस्तान से बाहर भेजने के लिए कथित फर्जी बैंक खातों के इस्तेमाल से जुड़ा है। नैब अधिकारियों के अनुसार, दोनों ने कथित फर्जी बैंक खातों के जरिए लगभग 15 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। फर्जी बैंक खातों के केस में धनशोधन के पहलू को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नैब की तरफ से की जा रही जांचों के हिस्से के तौर पर जरदारी के खिलाफ इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)